गाजियाबाद। हाई स्पीड ट्रेन के पावर बैक-अप के लिए प्रस्तावित पावर सबस्टेशन की जमीन को लेकर विवाद पैदा हो गया है। यह जमीन पर कानूनी पेंच फंस गया है। इस प्रकरण की शिकायत आरआरपीएस की ओर से यूपी सरकार को की गई है। यूपी सरकार ने प्रकरण निस्तारण कराने की जिम्मेदारी मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम को दी है।
हाई स्पीड ट्रेन के पहले और दूसरे ब्लॉक के सभी स्टेशन और ट्रेन संचालन के लिए ट्रैक पर पावर सप्लाई होनी है। पावर बैक-अप देने के लिए और आरआरटीएस को नगर निगम ने साईं उपवन के पीछे खाली पड़ी इको फ्रेंडली पार्क की जमीन का आवंटन किया था। यह जमीन करीब साढे 4000 वर्ग मीटर है। आरआरटीएस ने इस जमीन की कीमत करीब 30 करोड रूपए देने को भी मंजूरी जारी कर दी है।
हाल ही में नगर निगम ने आरआरटीएस को जमीन पर कब्जा दिया है। अब पता चला है कि नगर निगम ने जो जमीन पावर सब स्टेशन बनाने के लिए आरआरटीएस को दी है। उसको लेकर पहले से ही कानूनी विवाद चल रहा है। आरआरटीएस को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इस मामले में निगम की शिकायत यूपी सरकार से की है। सरकार ने विवाद के निपटारे के लिए अब मंडलायुक्त को इसकी जिम्मेदारी दी है। निगम से मंडलायुक्त ने कहा कि बाधा को दूर करने के लिए पहले ही कोर्ट से पास आदेश की इस जमीन को पार्क के अलावा दूसरे यूज़ के लिए आवंटन नहीं किया जा सकता है। ऐसे में निगम दोबारा से कानूनी राहत पाने के लिए हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देने की तैयारी में है।साभार-युग करवट
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