- वे एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता एक किसान थे और उनकी मां के पास इतना पैसा नहीं था कि वे पूजा की पढ़ाई का खर्च उठा सकें
- जम्मू-कश्मीर बस यूनियन ने उन पर भरोसा दिखाया और उन्हें ड्राइविंग के लिए बस दी गई
तीन बच्चों की मां पूजा देवी जम्मू-कश्मीर की पहली फीमेल पेसेंजर बस ड्राइवर हैं। उन्होंने जम्मू से कठुआ के बीच बस चलाकर कई महिलाओं के लिए मिसाल पेश की है। पूजा ने बताया कि वह हमेशा से बस या ट्रक ड्राइवर बनना चाहती थीं। सच तो यह है कि हैवी व्हीकल्स चलाना उनका सपना था। वे एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता एक किसान थे और उनकी मां के पास इतना पैसा नहीं था कि वे पूजा की पढ़ाई का खर्च उठा सकें। इसी वजह से वे पढ़ नहीं पाईं। पूजा के पति उनके ड्राइवर बनने के फैसले से पहले तो नाखुश थे। उन्होंने पूजा को समझाया कि महिलाओं के लिए ड्राइविंग एक अच्छा प्रोफेशन नहीं है। लेकिन पूजा ने उन्हें ये कहकर मना लिया कि ड्राइविंग उनका सपना है जिसे वे हर हाल में पूरा करना चाहती हैं।
पूजा ने अपने ड्राइविंग के सफर के बारे में बताया कि ”सबसे पहले मैंने कार चलाना सीखा। उसके बाद मैं एक स्कूल में ड्राइविंग इंस्ट्रक्टर बनीं। मुझे टैक्सी चलाने की भी आदत थी। उसके बाद मैंने हैवी व्हीकल्स चलाने की शुरुआत की। मेरे मामा ने मुझे बस चलाना सिखाया। इसके लिए वे अपने मामा का अहसान मानती हूं। लेकिन तब मुझे बस चलाने के के लिए कोई नहीं देता था। फिर जम्मू-कश्मीर बस यूनियन ने मुझ पर भरोसा दिखाया और मुझे ड्राइविंग के लिए बस दी गई”।
पूजा के अनुसार, ”जब लोग मुझे बस ड्राइव करते हुए देखते हैं तो तरह-तरह की बातें करने लगते हैं। लेकिन मेरा फोकस ड्राइविंग पर होता है। इसलिए मैं उन्हें इग्नोर कर देती हूं। पूजा उन सब महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं जो अपने सपने पूरे करना चाहती हैं लेकिन परिवार के दबाव की वजह से ऐसा नहीं कर पातीं”।साभार-दैनिक भास्कर
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