पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर:CM योगी आदित्यनाथ बोले- UP के हर छोटे-बड़े उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, देश का विकास होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। इसके साथ ही मोदी ने प्रयागराज में बने ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर की भी शुरुआत की। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह हमारे के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। UP के हर छोटे-बड़े उद्योग को इस कॉरिडोर से लाभ मिलेगा। UP का विकास होगा तो देश का भी विकास होगा।

कॉरिडोर का 75 फीसदी हिस्सा UP से गुजरता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे लैंडलाक्ट राज्य के लिए फ्रेट कॉरिडोर के महत्व को समझ सकते हैं। इसका 75 फीसदी हिस्सा UP से होकर गुजरता है। राज्य में वेस्टर्न और ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन भी है, जो प्रदेश में स्थित औद्योगिक इकाइयों के लिए अधिक लाभकारी होगा। साथ ही ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित करने का मौका भी मिलेगा। इस सेक्शन की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बन रहे प्रोडक्ट को आगे तक पहुंचाया जा सकेगा।

हर भारतीय का रेलवे पर बढ़ा विश्वास

योगी ने कहा कि 11 सालों से चली आ रही इस परियोजना में जो गति बीते 5-6 सालों में आई, वह अभूतपूर्व है। इस गति के कारण ही न केवल यह फ्रेट कॉरिडोर अपने समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ेगा, बल्कि इसका लाभ देश के एक बड़े भूभाग को मिलेगा। भारतीय रेल कोविड-19 के कालखंड में किस तरह जीवनदायी हो सकती है, यह उस वक्त देखने को मिला जब 40 लाख प्रवासियों को सुरक्षित UP में पहुंचाने में एक अभूतपूर्व योगदान दिया। इससे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का भारतीय रेल पर विश्वास बढ़ा है।

MSME यूनिट को मिलेगा फायदा

योगी ने कहा कि वंदे भारत व तेजस भी राज्य में संचालित है। प्रदेश के भीतर चार सालों के दौरान मानव रहित फाटक हटाए गए हैं। जिससे बड़ी संख्या में जान-माल की हानि व दुर्घटना को रोकने में सफलता मिली है। 6 हजार से अधिक नई लाइन, अमान परिवर्तन, डबलिंग की परियोजनाओं पर का काम तेजी से हो रहा है। इससे यात्रियों को बेहतर व त्वरित लाभ मिलेगा। माल-गाड़ियां भी लेट नहीं होगी। मुझे विश्वास है कि जितनी भी रेल की प्रोडक्शन यूनिट हैं, ये अधिक से अधिक मात्रा में प्रदेश की MSME यूनिट के साथ अपना संवाद बनाकर एक नई स्फूर्ति के साथ आगे बढ़ती हुई दिख रही है। इन MSME यूनिट को भारतीय रेलवे का सानिध्य मिलेगा।

क्या है EDFC?

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानी EDFC प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इसे मालवाहक ट्रेनों के लिए खासतौर पर बनाया गया है। मतलब इस पर केवल माल गाड़ियां ही दौड़ेंगी। 351 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन तक है। इसे 5,750 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इसकी कुल लंबाई 1856 किलोमीटर होनी है। जो पंजाब के लुधियाना से शुरू होकर हरियाणा, यूपी, बिहार और झारखंड से होते हुए पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक जाएगा।

इसके साथ ही केंद्र सरकार 1504 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न कॉरिडोर का भी निर्माण करवा रही है। ये ग्रेटर नोएडा के दादरी से शुरू होकर मुंबई जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक बन रहा है। केंद्र सरकार ने आने वाले दिनों में पूरे देश में मालवाहक ट्रेनों के लिए अलग से पटरियां बिछाने का फैसला लिया है।

इससे क्या फायदा होगा?

  • कानपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, औरैया, फतेहपुर, इटावा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ और आस-पास लगी इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद साबित होगा।
  • नॉर्मल रेल लाइन पर दबाव कम होगा और इससे यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
  • यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी कम होगी।
  • अनाज और दूसरे सामान समय पर डेस्टिनेशन तक पहुंचाए जा सकेंगे।

प्रयागराज में कंट्रोल सेंटर

पूरे EDFC के लिए प्रयागराज का ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर एक कमांड सेंटर की तरह काम करेगा। ये सेंटर दुनिया भर में इस तरह के सबसे बड़े स्ट्रक्चर में से एक है। इसमें आधुनिक इंटीरियर्स का इस्तेमाल किया गया है और इसका डिजाइन भी शानदार है। यह बिल्डिंग इको फ्रेंडली है।साभार-दैनिक भास्कर

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