IGI एयरपोर्ट पर हवाई यात्रियों के लिए लागू किए गए ट्रैकिंग सिस्टम (PTS) की मदद से कतार प्रबंधन, चेक-इन और सुरक्षा जांच प्रक्रिया के दौरान यात्रियों के प्रतीक्षा समय पर नजर रखी जा सकेगी.
नई दिल्ली. दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) में नई यात्री ट्रैकिंग प्रणाली (Passenger tracking system) की शुरुआत हो गई है. आईजीआई एयरपोर्ट (IGI Airport) की संचालक संस्था दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के अनुसार, नई यात्री ट्रैकिंग प्रणाली की शुरुआत से मुसाफिरों का एयरपोर्ट पर प्रतीक्षा समय कम करने, परिचालन क्षमता बढ़ाने और यात्री प्रवाह प्रबंधन को सुनिश्चित करने में एयरपोर्ट के अधिकारियों को मदद मिलेगी.
DIAL के मुताबिक नए सिस्टम से दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) के टर्मिनल-3 के विभिन्न क्षेत्रों में COVID-19 को लेकर लागू सोशल डिस्टेंसिंग को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा. इसके अलावा, पैसेंजर ट्रैकिंग सिस्टम (PTS) की मदद से विभिन्न स्थानों पर कतार प्रबंधन प्रणाली, चेक-इन और सुरक्षा जांच जैसी विभिन्न प्रक्रियाओं में लगने वाले प्रतीक्षा समय पर लाइव नजर रखी जा सकेगी.
DIAL के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टर्मिनल-3 के सभी 8 गेट्स, चेक-इन काउंटर, डोमेस्टिक और इंटरनेशनल सिक्यूरिटी चेक एरिया, डिपार्चर टर्मिलन स्थित इमीग्रेशन एरिया में सेंसर लगाए गए हैं. वहीं, एराइवल टर्मिनल के डोमेस्टिक से इंटरनेशनल ट्रांसफर एरिया में भारतीय और विदेशी पासपोर्ट धारकों के लिए सेंसर लगाए गए हैं. छत पर लगे सेंसर के जरिए यात्रियों की लाइव ट्रैकिंग की जा सकेगी.
उन्होंने बताया कि सिस्टम सेंसर से मिलने वाले डेटा स्ट्रीम की मदद से एयरपोर्ट ऑपरेटर को प्रतीक्षा समय, प्रक्रिया समय और यात्री थ्रूपुट को की-परफार्मेंस इंडीकेटर सिस्टम (KPI) की मदद से बेहतर बनाया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि DIAL ने टर्मिनल के अंदर चेक-इन एरिया, एराइवल हॉल जैसे विभिन्न स्थानों पर PTS डिस्प्ले स्क्रीन लगाई है. वे यात्रियों को चेक-इन, सुरक्षा जांच, इमीग्रेशन आदि जैसी विभिन्न प्रक्रियाओं में प्रतीक्षा समय के बारे में वास्तविक समय डेटा प्रदान करेंगे.
दिल्ली एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया पीटीएस सिस्टम को क्यू-मैनेजमेंट सिस्टम से भी जोड़ा गया है. क्यू-मैनेजमेंट सिस्टम न केवल टर्मिनल 3 पर प्रतीक्षा समय को कम करेगी, बल्कि जब कतार विकसित होती है, तो टीम को अलर्ट प्रदान करेगी. उन्होंने बताया कि यह सिस्टम ऑटो-अलर्ट उत्पन्न करती है और टर्मिनल पर भीड़ वाले क्षेत्रों की पहचान करते ही एयरपोर्ट के अधिकारियों को अलर्ट करती है. एयरपोर्ट अधिकारी यदि 10 मिनट की निर्धारित अवधि के भीतर स्थिति को नियंत्रण में नहीं करते है, तो यह सिस्टम उच्च प्रबंधन को इसका अलर्ट भेज देता है.साभार- न्यूज़18
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