- कोविड-19 ने बिजनेस में टेक्नोलॉजी अपनाने की रफ्तार 50% तक बढ़ा दी है।
- अलग-अलग सेक्टर में जो बदलाव 2025 तक होने थे वो 2022 में ही हो जाएंगे।
- मौजूदा स्किल्स और ट्रेनिंग से नई नौकरियां हासिल कर पाना मुश्किल है।
आपकी नौकरी खतरे में है! पहले ही लड़खड़ा रही अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 ने तगड़ा प्रहार किया। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन यानी ILO का मानना है कि कोविड-19 की वजह से दुनिया का 81% वर्कफोर्स प्रभावित हुआ है। एशिया पैसिफिक क्षेत्र में ही इस साल 8.1 करोड़ लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी CMIE के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान भारत में कुल 2.1 करोड़ सैलरी वाले कर्मचारियों की नौकरी चली गई। इनमें से करीब 61 लाख 18 से 24 साल के युवा हैं। अगर असंगठित क्षेत्र को भी जोड़ लें रोजगार छिन जाने का आंकड़ा 12 करोड़ के पार चला जाता है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम यानी WEF की सालाना रिपोर्ट ‘Future of Jobs Report 2020’ के मुताबिक, अगले पांच साल में मशीनीकरण और टेक्नोलॉजी की वजह से 8.5 करोड़ नौकरियां खत्म हो जाएंगी। हालांकि, इस दौरान दुनिया में करीब 9.7 करोड़ नई नौकरियों का सृजन भी होगा। रिपोर्ट के मुताबिक नौकरियों के स्वरूप में जो बदलाव अगले 5 साल में होने थे उनकी रफ्तार 50% तक बढ़ गई है।
दुनिया के जाने-माने फ्यूचरिस्ट एल्विन टॉफलर कहते थे, ‘भविष्य बहुत जल्दी और उल्टे तरीके से आता है। ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम भविष्य को रोकें नहीं बल्कि, इसे आकार दें।’ वैश्विक मंदी और महामारी ने एकबार फिर भविष्य को जल्दी और गलत तरीके से हमारे सामने पेश कर दिया है। क्या हम इसे आकार देने के लिए तैयार हैं?साभार-दैनिक भास्कर
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