प्रदेश के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले शुक्रवार को अफसरों को प्रशिक्षण देने उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के सीईओ चुगनू राम पहुंचे। कलक्ट्रेट में बैठक कर उन्होंने अफसरों से स्पष्ट कहा कि एक्सप्रेस-वे में जिसकी भी जमीन एवं बिल्डिंग आ रही होगी, उसका अधिग्रहण किया जाएगा।
लेखपाल गांव-गांव में पैदल चलकर निरीक्षण करें। समझौता पत्र घर-घर जाकर भरवाये जायें। गंगा एक्सप्रेस-वे के मार्ग में आने वाले सरकारी भवन एवं अन्य का त्रुटिरहित मूल्यांकन किया जाए। इसमें किसानों को ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट से चार गुना एवं शहरी क्षेत्र में दोगुना रुपये दिया जाएगा।
यूपीडा के सीईओ ने वन विभाग के अफसरों से कहा कि एक्सप्रेस-वे के बीच में आने वाले पेड़ों का चिह्नांकन एवं मूल्यांकन करें। किसानों को पेड़ काटने की अनुमति दें। अगर इसमें किसानों का शोषण किया तो इस मामले की छोटी से छोटी शिकायत भी सीधे मुख्यमंत्री तक जाएगी।
यही निर्देश विद्युत निगम के अफसरों को भी दिया। कहा कि जल्द से जल्द बिजली लाइनों की भी शिफ्टिंग की जाए। बता दें कि गंगा एक्सप्रेस-वे जिले की 4 तहसीलों से होकर गुजरेगा जिसमें 83 गांव आ रहे हैं। करीब 92 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे के लिए 1109 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा जिसके लिए 35 करोड़ रुपये का बजट मिला है।साभार-हिन्दुस्तान
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