हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) और स्टीकर न लगाने पर चालान करने की रफ्तार फिलहाल थम गई है। परिवहन विभाग की ओर से शुक्रवार को कार्रवाई नहीं हुई। वहीं 15 दिसंबर से परिवहन विभाग की ओर से राजधानी में तैनात नौ टीमों ने 1500 से ज्यादा वाहनों के चालान किए थे। हालांकि वाहन मालिकों को जागरूक करने की बात कही गई।
इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा था कि लोगों को एचएसआरपी तथा स्टीकर लगवाने के लिए सरकार उचित समय दे। इस तरह कार्रवाई कर लोगों के दहशत पैदा न करें। इससे स्थिति का फायदा दूसरे लोग उठा सकते हैं।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने याचिका दायर कर एचएसआरपी व स्टीकर न होने पर 55 सौ रुपये जुर्माने और प्लेट व स्टीकर की कीमत पर सवाल उठाया था। उन्होंने कीमतों में भारी अंतर का आरोप लगाया था। परिवहन विभाग के अनुसार अभी हाईकोर्ट का आदेश नहीं मिला है। उसके अध्ययन के बाद आगे विचार किया जाएगा।
19 दिसंबर को हुए 426 वाहनों के चालान
15 दिसंबर को 214, 16 को 85, 17 को 82, 18 को 378, 19 को 426, 20 को 291 जबकि 23 दिसंबर को 28 वाहनों के चालान किए गए। पिछले दो दिनों से चालान नहीं किए जा रहे हैं, लेकिन विभाग के आला अधिकारियों ने अवकाश का दिन होने की वजह से इस बारे में किसी तरह की टिप्पणी से इनकार कर दिया।
मार्च तक पहुंची एचएसआरपी की वेटिंग
एचएसआरपी और कलर कोड स्टीकर न होने पर वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत होने पर इसके लिए आवेदन करने वालों की संख्या इतनी बढ़ गई कि मार्च तक वेटिंग पहुंच गई। परिवहन मंत्री ने भी निर्माण क्षमता बढ़ाने और शिकायतों के जल्द समाधान का निर्देश दिया था। अभी राजधानी के करीब 25 लाख वाहनों में से महज चार-पांच फीसदी में ही एचएसआरपी और कलर कोडेड स्टीकर लगाए जा सके हैं।
यूनियन का आरोप अधिक कीमत वसूली जा रही
टैक्सी, ऑटो संचालकों ने अधिक कीमत वसूलने के आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को विरोध प्रदर्शन भी किया था। कोरोना काल में पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे वाहन चालकों पर चानक एचएसआरपी का बोझ थोप दिए जाने का वाहन चालक विरोध जता रहे हैं।साभार-अमर उजाला
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