प्रतीकात्मक फोटो
इसी बीच आयकर विभाग ने एक बार फिर से लोगों के आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक खास ट्वीट किया है। इस ट्वीट में आयकर विभाग ने कहा है कि फाइल करो झट से प्रोसेसिंग होगी पट से।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। यदि आपने वित्तीय वर्ष 2019-20 (FY20) के लिए अभी तक आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है, तो आपको इसे 31 दिसंबर से पहले भर देना चाहिए। वित्त वर्ष 2019-20 यानी असेसमेंट ईयर 2020-21 का आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं। इसी बीच आयकर विभाग ने एक बार फिर से लोगों के आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक खास ट्वीट किया है। इस ट्वीट में आयकर विभाग ने कहा है कि ‘फाइल करो झट से, प्रोसेसिंग होगी पट से’।
हालांकि, यह ‘झटपट प्रोसेसिंग’ तभी संभव है जब करदाताओं के आईटीआर का सत्यापन किया जा चुका हो, बैंक खाता पूर्व-वैध किया गया हो और कोई बकाया या आय विसंगति नहीं हो। एक वर्ष में एक निश्चित आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों के लिए ITR फाइलिंग अनिवार्य है। आम तौर पर करदाताओं को किसी भी वर्ष (जब तक सरकार द्वारा विस्तारित नहीं किया जाता है) 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल करना होता है। इस वर्ष केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने महामारी के कारण FY2019-20 (AY2020-21) के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दी है।
The Due Date for filing of ITR is almost here.
File your ITR NOW to avoid late filing fee.
Smart Bano, Aaj Hi File Karo.To File your #ITReturn for AY 2020-21, visit https://t.co/EGL31K6szN
#ITRFileKaroJhatpat#AY202021#ITR@nsitharamanoffc @Anurag_Office @FinMinIndia @PIB_India pic.twitter.com/Z8H1qBAQKu— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) December 25, 2020
मौजूदा आयकर कानूनों के तहत विभिन्न प्रकार के आकलनकर्ताओं के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए कई तरह के फॉर्म उपलब्ध हैं, मसलन ITR 1, ITR 2, ITR 3, ITR 4, ITR 5, ITR 6 और ITR 7 ।
चुनें सही ITR Form
आपको कौन सा आईटीआर फॉर्म चुनना चाहिए, यह आमतौर पर दो-तीन चीजों पर निर्भर करेगा, जैसे कि कोई व्यक्ति भारतीय है या नहीं, किसी व्यक्ति या साझेदारी फर्म या हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) की क्षमता में रिटर्न दाखिल किया जा रहा है या नहीं, और आय का स्रोत और मात्रा।
ITR-1: 50 लाख तक की आय वाला केवल एक साधारण व्यक्ति (HUF नहीं) इस ITR को दर्ज कर सकता है। इसमें वेतन या पेंशन से आय, एक घर की संपत्ति से आय, अन्य स्रोतों से आय जैसे बैंक खाते से ब्याज (लॉटरी और घुड़दौड़ से जीत को छोड़कर, दूसरों के बीच) को शामिल किया जाता है। इसके अलावा 5,000 तक की कृषि आय वाले लोग इस ITR को दर्ज कर सकते हैं।
ITR-3: यह फॉर्म उन व्यक्तियों और HUF के लिए है जो व्यवसाय या पेशे से आय अर्जित कर रहे हैं, या एक व्यक्ति जो एक फर्म में भागीदार है।साभार-दैनिक जागरण
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