केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को देश में डीटीएच सेवाएं प्रदान करने के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि अब डीटीएच लाइसेंस 20 साल के लिए जारी किया जाएगा। लाइसेंस शुल्क त्रैमासिक एकत्र किया जाएगा।
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को देश में डीटीएच सेवाएं प्रदान करने के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि अब डीटीएच लाइसेंस 20 साल के लिए जारी किया जाएगा। यही नहीं लाइसेंस शुल्क त्रैमासिक एकत्र किया जाएगा। जावड़ेकर ने यह भी बताया कि कैबिनेट ने फिल्म्स डिवीजनों के विलय को मंजूरी भी दी है। यही नहीं मंत्रिमंडल ने 59 हजार करोड़ की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना को अनुमति दी है। इस योजना से पांच साल में अनुसूचित जाति के चार करोड़ छात्रों को फायदा पहुंचेगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Union minister Prakash Javadekar) ने यह भी बताया कि डीटीएच सेवाओं में दिशानिर्देशों में संशोधन को मंजूरी देने से डीटीएच क्षेत्र में 100 फीसद एफडीआई (FDI in the DTH sector) की भी अनुमति होगी। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय ने डीटीएच क्षेत्र में 100 फीसद एफडीआई की बात कही थी।
इसके लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों को बदलने की जरूरत महसूस की जा रही थी। इस बदलाव से डीटीएच क्षेत्र में 100 फीसद एफडीआई यानी विदेशी निवेश के आने का रास्ता साफ हो जाएगा। इससे पहले इस क्षेत्र में एफडीआइ की लीमिट महज 49 फीसद ही थी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने फिल्म समारोह निदेशालय (Directorate of Film Festivals), भारत के राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (National Film Archives of India) और राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (National Film Development Corporation) के साथ बाल फिल्म सोसायटी (Children’s Film Society) को भारतीय फिल्म विकास निगम (National Film Development Corporation) के विलय को मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह भी बताया कि दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनी, देहातों में कृषि भूमि पर हुए निर्माण के खिलाफ कोर्ट बार-बार आदेश देता था। उसके संरक्षण के लिए 2011 में नेशनल कैपिटल टेरिटरी दिल्ली लॉ क़ानून बनाया गया। अब हम इसे 3 साल और आगे बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाए हैं।
वहीं केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत (Union Minister Thawarchand Gehlot) ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने 59 हजार करोड़ रुपये की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना (Post-matric Scholarship Scheme) पर भी मुहर लगाई है। इस योजना (Post-matric Scholarship Scheme) से पांच साल में चार करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के छात्रों (SC students) को लाभ पहुंचेगा। इस योजना पर केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपए खर्च करेगी बाकी की रकम राज्य सरकार द्वारा खर्च की जाएगी। साभार-दैनिक जागरण
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