गाजियाबाद। अभिभावकों ने फीस माफी की मांग और शिक्षा के निजीकरण के विरोध में सोमवार को प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा है कि सरकारों ने जैसे शिक्षा को निजी हाथों में सौंप दिया है। वैसे ही अब कृषि का भी निजीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभिभावक किसानों के साथ मिलकर अपनी लड़ाई लड़ेगा। सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए है।
गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन के साथ भारी संख्या में अभिभावकों ने शामिल होकर पिछले 26 दिन से कड़ाके की ठंड में चल रहे आंदोलन को समर्थन दिया। एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने किसानों के मंच से कहा कि शिक्षा के निजीकरण से बदहाल अभिभावकों के मुद्दों को किसानों के समक्ष रखा। साथ ही सरकार से पूछा कि जब शिक्षा के निजीकरण से देश के अभिभावक बदहाल है फिर कृषि के निजीकरण से किसान कैसे खुशहाल हो सकते हैं। जब से शिक्षा का निजीकरण हुआ है तभी से पूंजीपतियों ने शिक्षा के क्षेत्र में घुसकर शिक्षा को इतना महंगा कर दिया है कि वह आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही है।
कृषि के निजीकरण से भी ऐसे ही दुष्परिणाम किसानों को भविष्य में देखने को मिल सकते हैं। साथ ही प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री से अपील की है 26 दिन से दिसंबर की कड़ाके की ठंड में आंदोलन पर बैठे किसानों के बीच पहुंचकर उनकी पीड़ा का संज्ञान लिया जाए। किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निश्चित किया जाए। साभार-अमर उजाला
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