प्रतीकात्मक फोटो
गाजियाबाद। बेसिक शिक्षा विभाग में छुट्टी का बड़ा खेल सामने आया है। शिक्षक विद्यालय में अपने साथी शिक्षक को प्रार्थना पत्र देकर छुट्टी करते हैं। जिले के कुछ ब्लाकों के स्कूलों में यह क्रम बारी-बारी चलता है। अधिकारी चेकिंग के लिए पहुंचते हैं तो प्रार्थना पत्र के साथ सीएल चढ़ा दी जाती है। जिससे अधिकारी को भी इसकी
जानकारी न हो सके। कई ब्लाक के स्कूलों में बीएसए और खंड शिक्षा अधिकारियों ने यह खेल
पकड़ा है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालय में तैनात
शिक्षक-शिक्षिकाएं छुट्टी के नाम पर खूब खेल कर रहे हैं। कुछ ब्लाक को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर ब्लाक में अधिकारी भी शिक्षकों के इस खेल में शामिल हैं। अधिकारियों को भी जानकारी होती है कि इस विद्यालय में यह शिक्षक नहीं आएगा। एआरपी और एसआरजी भी इसमें सहयोग कर रहे हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तोशिक्षकों की छुट्टी के नाम पर रकम तक वसूली जा रही है, जिससे शिक्षकों के खिलाफ
कार्रवाई न हो। शिक्षकों को भी इसमें कोई आपत्ति नहीं होती है क्योंकि वह दिल्ली,
नोएडा, बुलंदशहर, हापुड़ और मेरठ से आकर नौकरी करते हैं। अगर, महीने में 10 दिन गायब
रहने के लिए दो से पांच हजार रुपये देने पड़े तो उन्हें कोई फर्क भी नहीं पड़ता है। इससे
ज्यादा का उनके पेट्रोल व अन्य खर्चे बच जाते हैं। सबसे ज्यादा शिक्षक रजापुर, मुरादनगर,
भोजपुर और लोनी ब्लाक से गायब होते हैं। शिक्षकों की आपसी सेटिंग का जाल बहुत मजबूत है।
पिछले दिनों बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मुरादनगर और भोजपुर में शिक्षकों का खेल पकड़ा था।
उन्हें संदेह हुआ तो पता चला कि शिक्षक छुट्टी पर है। अधिकारी के पहुंचने पर शिक्षकों ने
रजिस्टर में सीएल चढ़ा दी है, जिससे शिक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो सके। इस तरह
खंड शिक्षा अधिकारी रजापुर ने भी अपने ब्लाक में इस तरह के मामले पकड़े हैं। लोनी और
मुरादनगर में भी कई केस सामने आए हैं, जिसमें खंड शिक्षा अधिकारियों ने कार्रवाई की है।
अधिकारियों की कार्रवाई और कुछ अधिकारियों की सेटिंग के कारण यह खेल खूब चल रहा है।
– अधिकारियों को ऐसे करते हैं गुमराह
जब कोई अधिकारी ब्लाक में निरीक्षण करने पहुंचता है तो पहले वह सीएल एंट्री कर देते हैं।
यदि नहीं कर पाते हैं तो एक प्रार्थना पत्र बनाकर रख लेते हैं और उसमें बीआरसी या बैंक का
काम बताते हैं। इसके बाद कई बार अधिकारी इसका सत्यापन करा लेते हैं। जबकि कई बार
शिक्षक बच जाते हैं। सत्यापन कराने पर सही बात पता चल जाती है। इस मामले में अधिकतर
शिक्षक एक-दूसरे का सहयोग करते हैं।
– कुछ क्षण में हो जाती है सीएल की एंट्री
खंड शिक्षा अधिकारियों के विद्यालय में पहुंचने से पहले ही कई बार शिक्षकों को जानकारी हो जाती है।
वह सीएल की एंट्री कर देते हैं। अधिकारी को इसे पकड़ना आसान नहीं होता है। स्कूल के
शिक्षक बारी-बारी से छुट्टी करते हैं।
वर्जन…
शिक्षक छुट्टी करने के लिए आपस में कई बार सेटिंग कर लेते हैं। पिछले दिनों कई मामले सामने
आए। ऐसे शिक्षक और सहयोग करने वाले प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है।
विद्यालय में एंट्री करने के बाद शिक्षकों के व्यवहार से ही बहुत सारी चीजें पता चल जाती
है। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को भी आदेश दिए गए हैं कि ऐसा करने वाले शिक्षकों की
सूची उपलब्ध कराई जाए, जिससे इनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
-ब्रजभूषण चौधरी, बीएसए-साभार :- अमर उजाला
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post