बदमाश अनजान और अनपढ़ लोगों को औने-पौने दाम पर फोन बेचकर हो जाते हैं फरार,
खरीदार को बदमाशों के बारे में कोई जानकारी नहीं
दिल्ली पुलिस एनसीआर व राजस्थान से बरामद कर चुकी हैं हजारों फोन
राजधानी में बदमाश धड़ल्ले से चोरी के मोबाइल को बेच रहे हैं। बदमाश अनजान और अनपढ़ लोगों को अपना शिकार बनाते हैं और उन्हें औने-पौने दाम पर मोबाइल बेच देते हैं। द्वारका और बाहरी नार्थ जिला पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर अब तक हजारों की संख्या में मोबाइल फोन बरामद किये है। जिसमें ज्यादातर खरीदार ऐसे मिले हैं, जो राह चलते बदमाशों से मोबाइल फोन
खरीद लिया था। अनजाने में अपने इस्तेमाल के लिए मोबाइल खरीदने वालों के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती बल्कि उन्हें हिदायत देकर छोड़ देती है।
दिल्ली में बदमाश प्रतिदिन 21 झपटमारी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। ज्यादातर मामलों में बदमाश मोबाइल फोन की झपटमारी करते हैं। इसके अलावा बदमाश मोबाइल फोन की चोरी भी करते हैं। पिछले साल जहां झपटमारी की 5011 वारदात हुए थे वहीं इस वर्ष झपटमारी की 5928 मामले दर्ज किये गये हैं। पुलिस लगातार बदमाशों की गिरफ्तारी कर मोबाइल की बरामदगी का प्रयास करती है।
कुछ ऐसे बदमाश होते हैं जो सैकड़ों मोबाइल को जमा कर उसे एक बार में ठिकाने लगाते हैं और इनके खरीदार मोबाइल का आईएमईआई नंबर बदलकर उसे नया लुक देकर बेच देते हैं। लेकिन कुछ ऐसे छोटे बदमाश भी राजधानी में सक्रिय हैं जो राह चलते लोगों को औने पौने दाम पर मोबाइल बेच देते हैं। इसमें से ज्यादातर मजदूर तबके के लोग और महिलाएं होती है। जिन्हें चोरी के मोबाइल के बारे में जानकारी नहीं होता। वह अपने इस्तेमाल के लिए मोबाइल को खरीदते हैं।
द्वारका और बाहरी नार्थ जिला पुलिस ने चलाया अभियान
द्वारका जिला के साइबर सेल और बाहरी नार्थ जिला की स्पेशल स्टाफ ने ऐसे मोबाइल फोन की बरामदगी के लिए विशेष अभियान चलाया। इसमें पुलिस को कामयाबी भी मिली। विशेष पुलिस टीम जिले के सभी थाना क्षेत्र से झपटे या फिर चोरी होने वाले मोबाइल फोन की जानकारी हासिल करती है। उसके बाद उस नंबर को सर्विलांस पर लगाती है। आईएमईआई नंबर के जरिए ऐसे मोबाइल की जानकारी हासिल कर उस व्यक्ति को पकड़ती है जो उस मोबाइल फोन को इस्तेमाल करते हुए पाया जाता है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस टीम दिल्ली, एनसीआर के अलावा राजस्थान तक से मोबाइल फोन बरामद किया है। जांच में पता चलता है कि फोन इस्तेमाल करने वाला राह चलते व्यक्ति से मोबाइल फोन खरीदा है। इन लोगों से बदमाशों के बारे में जानकारी लेकर इन्हें छोड़ दिया जाता है। द्वारका जिला पुलिस इस साल 1302 मोबाइल फोन बरामद किये हैं। जिसमें साइबर सेल ने 634 और अन्य यूनिट ने 668 मोबाइल फोन बरामद किये हैं। वहीं बाहरी नार्थ जिले की स्पेशल स्टाफ ने डेढ़ सौ मोबाइल फोन जब्त किये हैं।
धोखे से या फिर अनजाने में चोरी का मोबाइल खरीदने वाला अपराधी नहीं
कानून के मुताबिक चोरी का सामान खरीदने वाला भी मुजरिम माना जाता है। लेकिन हाल में ही दक्षिण परिक्षेत्र के संयुक्त आयुक्त शुभाशीष चौधरी ने तमाम थाना प्रभारियों को एक निर्देश जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि धोखे और अनजाने में अगर कोई चोरी का सामान खरीदता है तो उसे अपराधी नहीं माना जाये। उससे पूछताछ कर उसे छोड़ दिया जाये। उन्होंने अपने निर्देश में कहा कि पूछताछ के दौरान चोरी का सामान खरीदने के मकसद की जानकारी के बाद ही उनपर कार्रवाई करें।
मसलन खरीदार का मकसद चोरी का सामान खरीदकर उे बेचता है तो उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए।दिल्ली पुलिस मोबाइल बरामदगी के साथ साथ ऐसे बदमाशों का भी सुराग लगा रही है जो वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। खरीदारों से जानकारी हासिल करने के बाद बदमाशों पर
शिकंजा कसा जा रहा है। संतोष कुमार मीणा, पुलिस उपायुक्त, द्वारका जिला-साभार-अमर उजाला
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