गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण के मामले में इंदिरापुरम क्षेत्र सबसे संवेदनशील बना हुआ है। यहां दिसंबर महीने में 271 लोग संक्रमित हुए हैं। अप्रैल से लेकर अब तक 3417 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। दिसंबर महीने में दूसरे स्थान पर कविनगर को पछाड़ते हुए साहिबाबाद पहुंच गया है। यहां इस महीने अब तक 172 मरीजों की पुष्टि हुई है, वहीं कविनगर में 89 मामले मिले हैं। नवंबर तक कविनगर दूसरे स्थान पर था। अब तक सबसे कम मरीज निवाड़ी थाना क्षेत्र में मिले हैं। यहां अब तक सिर्फ 6 लोगों में ही कोरोना संक्रमण पाया गया।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इंदिरापुरम एवं साहिबाबाद थाना क्षेत्र से ज्यादा लोगों का दिल्ली आवागमन होता है। जबकि कविनगर थाना क्षेत्र में ज्यादातर लोग शहर में ही व्यवसाय करते हैं। संक्रमण के बाद मॉनिटरिंग एवं टेस्टिंग के बाद कविनगर में संक्रमण कम हुआ है। कविनगर क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग एवं समय पर इलाज के बाद संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सका है।
प्रशासन द्वारा जारी किए आंकड़ों के अनुसार अब तक जिले में 24 हजार से अधिक मरीज पाए गए हैं। इनमें 23 हजार से अधिक मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। सबसे अधिक इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। सितंबर तक 1072 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। अक्टूबर में 901 व नवंबर में एक हजार से अधिक मरीजों की पुष्टि हुई।
वहीं कविनगर थाना क्षेत्र में सितंबर तक 1057, अक्टूबर में 807 व नवंबर में 850 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई। निवाड़ी में सितंबर तक एक मरीज, अक्तूबर में चार व नवंबर में एक मरीज की पुष्टि हुई है। इसके अलावा लिंक रोड में 147 व मसूरी क्षेत्र में 144 मरीजों की पुष्टि हुई है। सिहानी कोतवाली में 2231 व मुरादनगर में 501 मरीज मिल चुके हैं। लोनी में 254 व साहिबाबाद में 1824 मरीजों की पुष्टि हुई है। टीला मोड़ में 83 व कोतवाली में 526, भोजपुर में 34 व विजय नगर में 1397 मरीजों की पुष्टि हुई है। ट्रोनिका सिटी में 134 व कौशांबी में 1123 संक्रमित मरीजों में पुष्टि हुई है। मोदीनगर 508 में खोड़ा में 132, लोनी बार्डर व अन्य जिलों के 638 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
प्रशासनिक स्तर पर जिले में मार्च के अंत से घरों के सर्वे का कार्य शुरू किया गया था। प्रतिदिन औसतन 861 टीमें अब भी सर्वे कर रही हैं। जिले में 15418 कंटेनमेंट जोन की पहचान की गई थी। मौजूदा समय में बहुत कम कंटेनमेंट जोन रह गए हैं। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार जिले में आईएलआई और सारी के मरीज मिलने का सिलसिला भी अब बहुत कम हो गया है। सितंबर में जिले में आईएलआई के 2239 और सारी के 292 मरीज मिले थे, अक्तूबर में उनकी संख्या घटकर 1302 और 17 रह गई। नवंबर में यह संख्या 1065 और 24 रही। दिसंबर में अब तक आईएलआई के 313 और सारी के केवल दो मरीजों की पुष्टि हुई है।
त्योहारी सीजन और उसके बाद 15 अलग-अलग वर्ग में अभियान चलाकर टेस्टिंग की गई। जांच में 103 कोरोना संक्रमित मिले। इसमें दुकानदार, मलिन बस्ती, निजी अस्पताल, जेल और बाल सुधार गृह शामिल किए गए थे। इसमें 10 हजार से ज्यादा लोगों की जांच की गई। इनमें से पटाखा बाजार में 8, धार्मिक स्थलों पर आठ, प्राइवेट नर्सिंग होम और अस्पताल में सात, ग्रामीण क्षेत्रों के बाजार में छह, शहरी बाजारों में 19, मिठाई की दुकान में एक, मलिन बस्तियों में सिर्फ तीन मामलों की पुष्टि हुई थी। इसके अलावा दूसरे चक्र के अभियान में बाल सुधार गृह में एक, इलेक्ट्रानिक दुकान एवं वाहनों के शोरूम में 17, जेल में 11, ज्वैलरी शोरूम में तीन, मॉल में 10, ब्यूटी पॉर्लर में दो एवं अलग-अलग ऑफिसों में चार में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
मरीजों की जल्द पहचान होने से संक्रमण के गंभीर होने की आशंका कम रहती है और वे जल्द स्वस्थ हो जाते हैं। जिले को कोरोना मुक्त करने के लिए सभी तरह के जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण रोकने और उसे कम करने के लिए जिले में लगातार सर्वे और टेस्टिंग को बढ़ाया जा रहा है।
अजय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी-साभार-अमर उजाला
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