कोरोना के बीच उत्तर प्रदेश के डॉक्टरों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके मुताबिक, पीजी करने के बाद डॉक्टरों को कम से कम 10 साल तक सरकारी अस्पतालों में नौकरी करनी होगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अगर कोई बीच में नौकरी छोड़ना चाहता है तो उसे एक करोड़ रुपए की धनराशि जुर्माने के तौर पर यूपी सरकार को भुगतान करना होगा।
पढ़ाई पूरी करते ही जॉइन करनी होगी नौकरी
नई गाइडलाइन में ये भी कहा गया है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टर को तुरंत नौकरी जॉइन करनी होगी। इसके अलावा पीजी के बाद सरकारी डॉक्टरों के सीनियर रेजिडेंसी में रुकने पर भी रोक लगा दी गई है। नए नियम में कहा गया है कि विभाग की ओर से इस संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी नहीं किया जाएगा।
कोर्स छोड़ने पर नहीं ले सकेंगे दोबारा एडमिशन
गाइडलाइन के मुताबिक, अगर कोई डॉक्टर बीच में ही पीजी छोड़ देता है तो उस पर 3 साल के लिए रोक लगा दी जाएगी। इन सालों में स्टूडेंट्स दोबारा एडमिशन नहीं ले सकेंगे। इससे पहले शुक्रवार को देशभर में डॉक्टरों ने हड़ताल की थी। इसकी वजह आयुर्वेद छात्रों को सर्जरी करने की अनुमति मिलना बताया गया था।
डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए लिया फैसला
यूपी के गांव-गांव में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुले हैं, लेकिन ये केंद्र डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं। कई स्वास्थ्य केंद्र फार्मासिस्ट तो कई अन्य कर्मचारियों के भरोसे चल रहे हैं। इसके अलावा जिला मुख्यालयों पर बने अस्पतालों में भी डॉक्टर्स की कमी है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में डॉक्टरों की कमी की समस्या का समाधान होगा।
साभार :- दैनिक भास्कर
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post