दिल्ली के कोविड अस्पताल में भर्ती मरीज जिंदा होने के बाद ही मृत घोषित कर दिया गया। इतना ही नहीं अस्पताल की ओर से मरीज के मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर प्रक्रिया भी शुरू कर दी और उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने उसका प्रमाण पत्र जारी भी कर दिया।
इसका खुलासा तब हुआ जब पीड़ित के फोन पर चार बार निगम के सर्वर से मैसेज प्राप्त हुआ। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की। हालांकि मंगलवार को अस्पताल प्रशासन ने मौखिक तौर पर माफी मांग मामला रफा दफा कर दिया। पीड़ित ने भी इस मामले को तूल न देते हुए प्रशासन को उनकी गलती के बारे में एहसास कराया।
जानकारी के अनुसार लोकनायक अस्पताल में भर्ती श्रीनिवास कुमार को बीते 24 नवंबर मोडरेट संक्रमण होने के चलते लाया गया था। इस बीच 30 नवंबर को अस्पताल की ओर से उनके मृत होने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया और 1 दिसंबर को निगम की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। तीन दिसंबर को मरीज की कोरोना जांच हुई जिसमें वह निगेटिव आए। अब उन्होंने घर जाने की तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन तभी फोन पर मैसेज आया कि उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है।
इसके बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दी और मामला प्रशासन के पास पहुंचा। पीड़ित का कहना है कि शिकायत के बाद उन्हें डिस्चॉर्ज करने का दवाब बनाया जाने लगा लेकिन आपसी विवाद और शीर्ष अधिकारियों की दखल के बाद मामला शांत हो सका। चिकित्सीय अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार का कहना है कि एक ही नाम के दो संक्रमित मरीज एक ही दिन में भर्ती हुए थे जिसके चलते डाटा अपलोड होने में गलती हुई है। फिलहाल गलती को सुधार लिया है। बुधवार को मरीज को डिस्चॉर्ज किया जाएगा। साभार-अमर उजाला
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।साभार-अमर उजाला
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post