गाजियाबाद। इंदिरापुरम की करीब दो लाख से ज्यादा की आबादी को जल्द ही राहत मिल सकती है। नगर निगम बोर्ड ने इंदिरापुरम कॉलोनी को टेकओवर करने पर हामी भर दी है, लेकिन ग्रीन बेल्ट, पार्क और सामुदायिक केंद्रों के साथ। सोमवार को नगर निगम की बैठक में भाजपा पार्षद संजय सिंह समेत इंदिरापुरम क्षेत्र के सात पार्षदों ने उनकी कॉलोनी को टेकओवर न किए जाने पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि वोट लेने के बाद भी सभी पार्षद अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं को हल नहीं करा पा रहे हैं।
भाजपा पार्षद संजय सिंह ने कहा कि जब वैशाली, वसुंधरा, नंदग्राम, चिरंजीव विहार, अवंतिका को टेकओवर किया जा सकता है तो फिर इंदिरापुरम को क्यों नहीं। इंदिरापुरम के लोग हर साल करीब 32 करोड़ रुपये नगर निगम को टैक्स के रूप में दे रहे हैं। कुछ पार्षद यह कहकर अड़ंगा लगा देते हैं कि वहां खर्च ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इंदिरापुरम में अधिकांश प्राइवेट हाउसिंग सोसायटियां हैं और इनमें नगर निगम कोई विकास कार्य नहीं कराता है। सीवर का मेंटेनेंस शासन ने प्राइवेट कंपनी को दे दिया है। अब सिर्फ स्ट्रीट लाइट, पार्क, सड़क के काम कराने हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरापुरम से नगर निगम को हर साल 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व मिल सकता है। इस पर भाजपा पार्षद अनिल स्वामी ने उनके प्रस्ताव का समर्थन किया और उनके साथ अन्य पार्षदों ने भी समर्थन किया।
भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ने कहा कि नगर निगम इंदिरापुरम को हैंडओवर करने पर राजी है लेकिन पहले जीडीए लेफ्ट ओवर वर्क पूरा कराए। उन्होंने कहा कि नगर निगम आधे-अधूरे इंदिरापुरम को नहीं बल्कि पार्क, ग्रीन बेल्ट, सामुदायिक केंद्र और आमदनी के अन्य साधनों के साथ पूरे क्षेत्र को टेकओवर करेगा। जीडीए आमदनी के साथ अपने पास रखना चाहता है। इस पर अब निगम अधिकारी जीडीए वीसी कंचन वर्मा से वार्ता करके आगामी कार्यकारिणी समिति की बैठक में इंदिरापुरम को टेकओवर करने का विस्तृत प्रस्ताव पेश करेंगे।
पहले थाने बिकते थे, अब निगम के जोन बिकने लगे : पार्षद
भाजपा पार्षद राजीव शर्मा ने नगर निगम में हाउस टैक्स में बड़ा घोटाला किए जाने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मकानों पर पहले 80-90 हजार के टैक्स बिल भेजे जा रहे हैं और फिर सेटिंग कर 25-30 हजार रुपये टैक्स लगा दिया जाता है। ऊपर की रकम को भवन मालिक और निगम अधिकारी आधा-आधा बांट लेते हैं। यही वजह है कि अब जोन में प्रभारी बनने के लिए नगर निगम में पैसा चलने लगा है। पहले गाजियाबाद के थाने बिकते थे और अब नगर निगम के जोन भी बिकने लगे हैं। नगर आयुक्त ने टैक्स की शिकायतों की जांच कराने का आश्वासन दिया है।
निगम पार्षद कर रहे ठेकेदारी, संपत्ति की भी हो जांच
सूर्य नगर क्षेत्र से भाजपा के पार्षद एसके माहेश्वरी ने सदन में ही पार्षदों पर निगम में ठेकेदारी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुछ पार्षद ऐसे हैं जिनके वार्ड में उनके चहेते ठेकेदार ही निर्माण कार्य कर सकते हैं। जिन पार्षदों ने अपने चुनावी एफिडेविट में 20-25 लाख की संपत्ति दिखाई थी। वह महंगी-महंगी कार में चलते हैं। इनकी वजह से निगम के सभी पार्षद बदनाम हो रहे हैं। ठेकेदारी करने वाले पार्षदों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने वार्डों में ठेके पर रखे गए सफाई कर्मचारियों की भी जांच कराने की मांग की है। आरोप है कि सुपरवाइजरों ने अपने रिश्तेदारों को नौकरी पर रख लिया और वह ड्यूटी पर नहीं आते हैं।
सरकारी जमीन बेचने वाले भूमाफियाओं की होगी कुर्की
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने शांति नगर, लोहिया विहार के मामले में बताया कि डीएम की ओर से जांच कमेटी बनाई गई है। इसमें अपर नगरायुक्त, सिटी मजिस्ट्रेट, उप निबंधक समेत कई अधिकारी हैं। यह जांच करके बताएंगे कि सरकारी जमीन को किन व्यक्तियों ने बेचा है और जिसकी वजह से अब खरीदने वाले लोगों के मकान टूटे हैं। ऐसे लोगों को भूमाफिया के रूप में चिह्नित कर उनकी संपत्ति कुर्क कराई जाएगी। इससे संपत्ति से मकान टूटने वाले प्रभावित लोगों के नुकसान की भरपाई की जाएगी।
पशु-पक्षी अस्पताल बनाएगा निगम
नगर निगम बेआसरा पशु-पक्षियों के इलाज के लिए अस्पताल बनाएगा। यह अस्पताल नंदी पार्क में बनाया जाएगा। इसके बाद नगर निगम कुत्तों का बधियाकरण भी खुद कराएगा और बीमार पशुओं का इलाज भी। अभी तक शहर में ऐसा कोई सरकारी अस्पताल नहीं है।
पीएफए को ठेका देने पर हंगामा
नगर निगम अधिकारियों ने कुत्तों के बधियाकरण का ठेका फिर से पीएफए को दिया है। निगम प्रत्येक कुत्ते के बधियाकरण पर इस संस्था को 750 रुपये का भुगतान करेगा। इस पर निगम पार्षदों ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस संस्था को ठेका न देने का प्रस्ताव पूर्व में सदन में पास हो चुका है। ऐसे में ठेका निरस्त कर दोबारा टेंडर कॉल किए जाएं। इसके बाद अब नगर निगम पांचों जोन में अलग-अलग संस्था को कुत्तों के बधियाकरण का ठेका देगा।
हज हाउस के मुद्दे पर आमने-सामने आए पार्षद
भाजपा पार्षद एसके माहेश्वरी ने इससे पहली बोर्ड बैठक में हज हाउस के मुद्दे को उठाकर भला-बुरा कहा था। इस पर सपा पार्षद आसिफ चौधरी उन पर एफआईआर दर्ज करा चुके हैं। सोमवार को भी वह बोलने के लिए खड़े हुए तो हज हाउस का मुद्दा फिर उठ गया। इस पर भाजपा के कई पार्षद हज हाउस के विरोध में बोल रहे थे। वहीं सपा पार्षद मो. कल्लन, आसिफ चौधरी, जाकिर सैफी समेत कई अन्य पार्षदों ने उनका विरोध किया। महापौर ने किसी तरह मामला शांत कराया।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
– नगर निगम के वर्ष 2019-20 के पुनरीक्षित बजट को बिना चर्चा मिली स्वीकृति।
– आवंटित नर्सरियों पर आवंटियों के बड़े फोटो और मोबाइल नंबर होंगे अंकित।
– आरडब्ल्यूए के फैसलों को लागू नहीं करेंगे अधिकारी, पार्षदों से लेंगे राय।
– शहर से 2 हजार बंदरों को पकड़वाएगा निगम, वन विभाग से मांगी अनुमति।
– जमीनों को कब्जामुक्त कराकर दुकानें-मार्केट बनाएगा निगम।
– इलेक्ट्रिक बसों के डिपो को जमीन देने के एवज में शासन से विज्ञापन का अधिकार मांगेगा निगम।
– पहले चरण में 46 तालाबों का सुंदरीकरण कराएगा।
– अपने वाहनों की मरम्मत के लिए वर्कशॉप बनाएगा निगम, खुुद करेगा मेंटेनेंस।
– ड्यूटी पर शराब पीकर आने वाले कर्मचारियों को चयनित कर कार्रवाई की जाएगी।
– 10-15 साल से निगम में तैनात अधिकारियों का ट्रांसफर कराने की पार्षदों ने उठाई मांग।
– रोडवेज को अस्थायी तौर पर जमीन देगा निगम, किराया भी लेगा।
– इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान के लिए जीडीए को 5 करोड़ रुपये नहीं देगा।
– राज्य स्मार्ट सिटी मिशन में लागू होगा आईटीएमएस प्लान, डीपीआर शासन को भेजी।
– 10 वार्डों में सामुदायिक केंद्रों का होगा निर्माण।
– बिल्डर प्रोजेक्ट में आई सरकारी जमीनों पर लैंड एक्सचेंज कर एक जगह लेगा निगम।
– सड़क, नाली, इंटरलॉकिंग टाइल्स के करोड़ों के प्रस्ताव भी हुए पास।
– करहेड़ा में निपुण बिल्डर से जमीन वापस लेगा, न देने पर कराएगा एफआईआर।
Discussion about this post