- नए सिरे से तैयार हो रही सूची, बकाएदारों को जारी होंगे नोटिस, एकमुश्त समाधान योजना में 31 तक आवेदन का मौका
- शासन ने मांगी डिफॉल्टरों की सूची, अगले सप्ताह तक भेजी जाएगी
- महानगर में छोटे-बड़े 8294 बकाएदार, बड़े बकाएदारों का रुझान अधिक
गाजियाबाद। एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) में छूट के साथ बकाया जमा करने की सुविधा का लाभ लेने को लोग आगे नहीं आ रहे हैं। महानगर में जीडीए के छोटे-बड़े 8294 बकाएदार हैं। एकमुश्त समाधान योजना में आवेदन की 31 दिसंबर आखिरी तिथि है। योजना में आवेदन नहीं करने वालों पर गाज गिरना तय मानी जा रही है।
प्राधिकरण की ओर से नए सिरे से बकाएदारों की सूची तैयार की जा रही है। ऐसे में आवेदन न करने वालों को नोटिस जारी होंगे। शासन स्तर से भी जीडीए सहित आवास विकास परिषद से छोटे-बड़े बकाएदारों की विस्तृत सूची मांगी गई है। ऐसे में डिफॉल्टरों पर कार्रवाई के शासन स्तर से भी संकेत मिलने लगे हैं। कई माह बीतने के बावजूद आवेदन का आंकड़ा 35 फीसदी को पार नहीं कर सका है। प्राधिकरण की ओर से लगातार ट्विटर सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए बकाएदारों को प्रेरित किया जा रहा है। विभिन्न जोन की कॉलोनियों में जागरूकता शिविर लगाकर योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। इसके बावजूद आवेदन की रफ्तार काफी धीमी है। पहले चरण में बड़े बकाएदारों के आगे आने से जीडीए को करीब 125 करोड़ की आय हुई थी।
बता दें कि महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में 8294 छोटे-बड़े बकाएदारों पर 465 करोड़ बकाया है। इंदिरापुरम योजना में सर्वाधिक छोटे-बड़े बकाएदार हैं। संपत्ति अनुभाग की ओर से तैयार की गई बकाएदारों की सूची में इंदिरापुरम में 1624 बकाएदारों पर सर्वाधिक 190 करोड़ से अधिक बकाया है। मधुबन बापूधाम योजना में 418 बकाएदारों पर 91 करोड़ बकाया है। ऐसे में बकाएदारों को योजना का लाभ उठाने के लिए फिर से जागरूक किया जाएगा। जीडीए सचिव संतोष कुमार राय ने बताया कि योजना का लाभ उठाने के लिए विभिन्न माध्यमों से लगातार लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। आवेदन की तिथि समाप्त होने के बाद बकाएदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी।साभार-अमर उजाला
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