गाजियाबाद। दिल्ली-एनसीआर में बंद मकानों व फ्लैटों को खंगालकर माल उड़ाने वाले अंतरराज्यीय गैंग का कविनगर पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर सरगना व चोरी के जेवर खरीदने वाले सुनार समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। एसपी सिटी अभिषेक वर्मा ने बताया कि गैंग बेहद शातिराना अंदाज में चोरी की घटनाएं करता था। सोसायटियों के लोगों व गार्डों को चकमा देने के लिए गैंग के सदस्य लग्जरी कारों में सूट-बूट पहनकर आते थे। आरोपियों के कब्जे से चोरी के पौने दो लाख रुपये, घटना में प्रयुक्त दो कार, औजार और नशीला पदार्थ बरामद किया है। एसपी सिटी के मुताबिक गैंग चोरी की 100 से अधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका है।
एसपी सिटी ने बताया कि मुखबिर की सूचना के आधार पर आरिफ उर्फ कल्लू निवासी काजीबाड़ा सिकंदर गेट हापुड़, ताज मोहम्मद निवासी समयपुर थाना मुंडाली मेरठ, मुरसलीन उर्फ छोटे निवासी गांव खिचरा थाना धौलाना हापुड़ तथा पुनीत वर्मा निवासी प्रवेश विहार थाना मेडिकल मेरठ को गिरफ्तार किया है। आरिफ गैंग का सरगना व हापुड़ कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। जबकि पुनीत सुनार है, जो चोरी के जेवर खरीदता था। साथ ही गैंग के सदस्यों को अपने यहां शरण भी देता था। गैंग ने गाजियाबाद, मेरठ, दिल्ली, हापुड़, फरीदाबाद और गुरुग्राम में 100 से अधिक वारदातों को अंजाम दिया है।
जेल में दोस्ती के बाद बनाया गैंग
गिरफ्तार सभी आरोपी हाल ही में डासना जेल से रिहा हुए थे। जेल में ही सरगना आरिफ की मुरसलीन से दोस्ती हुई थी। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने गैंग बनाया और चोरी की ताबड़तोड़ घटनाएं शुरू कर दीं। गैंग ने भाई दूज पर कविनगर के महरौली इलाके में चोरी की तीन घटनाएं की थीं। इसके अलावा 28 नवंबर की रात को इंदिरापुरम के अपेक्स टावर के एक फ्लैट से लाखों रुपये के माल व स्मार्ट वाच चुराई थी। पकड़े जाने के डर से बदमाश घड़ी को गंगनहर में फेंक गए थे। बीटेक पास है
गिरोह में शामिल सुनार
एसपी सिटी के मुताबिक सुनार पुनीत वर्मा बीटेक पास है। वह हापुड़ में ज्वेलरी शॉप चलाता है। इसके अलावा तीनों आरोपी कम पढ़े-लिखे हैं। पुनीत चोरों से सस्ते दामों में माल लेकर आगे बेचता था। किसी भी वारदात के बाद गैंग के सदस्य पुनीत के यहां पर ही शरण लेते थे। वहीं से दूसरे गिरोह को टारगेट कर वारदात की योजना बना लेते थे।
टॉप फ्लोर पर जाकर सीढिय़ों से नीचे उतरते थे
आरिफ करीब 20 वर्षों से चोरी की घटनाएं कर रहा है। वह पूर्व में वेल्डिंग का काम करता था। काम में घाटा होने पर उसने अपने गुरु शकील के साथ चोरी करनी शुरू कर दी। किसी भी कॉलोनी या सोसायटी के लोगों और गार्डों को चकमा देने के लिए गैंग के सदस्य सूट-बूट पहनकर निकलते थे। साथ ही लग्जरी कार में जाते थे। टॉप फ्लोर पर जाकर सीढिय़ों से नीचे उतरते थे। जिस भी फ्लैट को बंद देखते, उसे अपना निशाना बना लेते थे। वारदात करने के लिए गैंग पुरानी कारों का इस्तेमाल करता था। एक कार से कुछ घटनाएं करने के बाद चोर उसे बेच देते थे या कटवा देते थे। साभार-अमर उजाला
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