मेरठ में 27 हजार राशन कार्ड में गड़बड़ी कर राशन निकालने के मामले में पूरे प्रदेश में हुए घोटाले में 33 अन्य जिले भी शामिल थे. जुलाई 2018 में मामला सामने आया तो जांच यूपी एसटीएफ को दी गई.
लखनऊ. यूपी के 34 जिलों में 350 करोड़ रुपये का अनाज घोटाला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. 34 जिलों में अफसरों की मिलीभगत और राशन की दुकानों पर मौजूद ई पॉश मशीन में टेंपरिंग कर करोड़ों का राशन किसी अन्य के नाम पर निकाल कर बेच दिया गया. मामले की जांच अब ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई है.
दरअसल, जुलाई 2018 में मेरठ में 27 हजार राशन कार्ड में गड़बड़ी कर राशन निकालने के मामले में पूरे प्रदेश में हुए घोटाले में 33 अन्य जिले भी शामिल थे. जुलाई 2018 में मामला सामने आया तो जांच यूपी एसटीएफ को दी गई. यूपी एसटीएफ ने जांच की तो राशन घोटाले की परतें खुलने लगी. दरअसल, इस घोटाले में जिला सप्लाई अधिकारी से लेकर फूड इंस्पेक्टर, राशन की दुकानों पर मौजूद ऑनलाइन ई पॉश मशीन का डाटा एंट्री ऑपरेटर और कोटेदार तक शामिल था.
गड़बड़ी रोकने के लिए लगाई गई थी ई पॉश मशीन
दरअसल, सरकार ने राशन कार्ड की गड़बड़ी को रोकने के लिए हाईटेक ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की थी. राशन की हर दुकान पर एक ई पॉश मशीन दी गई, जिस पर उस राशन की दुकान पर दर्ज सभी राशन कार्ड धारक उनके परिवार के हर व्यक्ति का नाम, उम्र और फिंगरप्रिंट दर्ज करवाएगा. इसकी मंशा थी कि जब भी कोई परिवार का सदस्य राशन लेने जाएगा तो अंगूठा लगाते ही पूरे परिवार को दिए गए राशन का ब्यौरा सामने होगा और सरकारी कोटे का राशन दे दिया जाएगा.
हर कोटेदार को दी गई इस मशीन में ऑनलाइन डाटा फीड करने के लिए फूड इंस्पेक्टर के अधीन संविदा पर डाटा एंट्री ऑपरेटर रखे गए. शिकायत में शक है कि अफसरों के इशारे पर डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने ही इस पूरे घोटाले की शुरुआत की. जब भी किसी राशन की दुकान पर महीने का राशन पहुंचता तो सबसे पहले उन कार्ड धारकों की सूची अलग कर ली जाती जो महीने में हर बार राशन लेने नहीं आते.
रजिस्टर्ड राशन कार्ड धारक की जगह पर अपने ही किसी आदमी का आधार नंबर डाल दिया जाता और जैसे ही सेंटर से डाटा अप्रूव होता उस आधार नंबर वाले का अंगूठा लगाकर राशन निकाला जा रहा था. राशन निकलते ही डाटा एंट्री ऑपरेटर असल कार्ड धारक के आधार कार्ड को ही एंटर कर देता. इससे राशन कार्ड धारक को पता भी नहीं चलता कि उसके हिस्से का राशन बंट गया है और सरकारी कोटे की दुकान से राशन निकल भी जाता.
यूपी एसटीएफ को दी गई थी घोटाले की जांच
मेरठ में सामने आई इस घोटाले की जांच सितंबर 2018 में यूपी एसटीएफ को दी गई थी. यूपी एसटीएफ की जांच में पता चला कि सिर्फ मेरठ में ही 27 हजार राशन कार्ड की 220 दुकानों से गड़बड़ी की शिकायतें पकड़ी गई. मेरठ में 51 मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज हुए. शुरुआत में यह जांच 14 जिलों तक ही सीमित थी, लेकिन अब इस घोटाले की जद में 20 और नए जिले भी आए हैं. 350 करोड़ के राशन कार्ड घोटाले में लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, औरैया, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, नोएडा, मुरादाबाद, अमरोहा, बलरामपुर, प्रयागराज, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद और बरेली भी शामिल किए गए हैं.
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post