गाजियाबाद। महानगर के मधुबन-बापूधाम और इंद्रप्रस्थ योजना में नया औद्योगिक और व्यावसायिक हब विकसित होगा। दोनों योजनाओं में औद्योगिक और व्यावसायिक भूखंडों की खरीद के लिए निवेशक आगे आ रहे हैं। दिल्ली से सटे इंद्रप्रस्थ योजना में सभी 32 औद्योगिक भूखंडों की बिक्री हो चुकी है, जबकि मधुबन-बापूधाम योजना में फार्मा हब के साथ अन्य औद्योगिक भूखंडों की मांग सबसे ज्यादा है। इसके अलावा मधुबन व इंद्रप्रस्थ योजना में करीब 275 व्यावसायिक भूखंडों की लगातार बिक्री हो रही है।
निवेशकों के बढ़ते रुझान का ही परिणाम है कि बीते पांच माह में औद्योगिक, व्यावसायिक के साथ अन्य भूखंडों की बिक्री से जीडीए को 200 करोड़ से अधिक की आय हुई है। दिल्ली से सटे इंद्रप्रस्थ योजना में सभी औद्योगिक भूखंडों की बिक्री होने और हर सप्ताह तीन से चार व्यावसायिक भूखंडों की बिक्री होने से ही आने वाले एक साल में नया व्यवसायिक केंद्र उभरकर सामने आएगा। दिल्ली के मुकाबले सस्ती संपत्तियों का लोग जमकर लाभ उठा रहे हैं।
मधुबन-बापूधाम में दिल्ली-मेरठ हाईवे से सटे पॉकेट में जीडीए की ओर से फार्मा हब के साथ अन्य औद्योगिक भूखंडों की योजना लाई जा रही है। इस पॉकेट में फार्मा व अन्य कैटेगरी के करीब 25 औद्योगिक भूखंड शामिल है। वहीं, व्यवसायिक भूखंडों की बात करें तो केवल जीडीए के मधुबन डिस्ट्रिक्ट सेंटर में 190 भूखंड शामिल हैं। नर्सिंग होम, होटल, पेट्रोल पंप सहित आदि भूखंडों की खरीद के प्रति लोगों का रुझान देखने को मिल रहा है। प्राधिकरण की मधुबन, इंद्रप्रस्थ योजना के साथ कोयल एंक्लेव योजना में व्यावसायिक भूखंडों की सर्वाधिक मांग है।
लॉजिस्टिक हब व दिल्ली-मेरठ हाईवे से सटे होने का लाभ
रैपिड रेल कॉरिडोर में मधुबन बापूधाम से सटे गुलधर क्षेत्र में लॉजिस्टिक हब विकसित किया जाना है। लॉजिस्टिक हब के पास ही मधुबन बापूधाम योजना के औद्योगिक भूखंड मौजूद है। ऐसे में बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ जीडीए के मधुबन बापूधाम में विकसित होने वाले औद्योगिक व व्यावसायिक हब को मिलेगा। मधुबन में औद्योगिक भूखंडों की नीलामी के बारे में जानकारी के लिए निवेशक प्राधिकरण पहुंच रहे हैं। जीडीए के इंद्रप्रस्थ, मधुबन, कोयल एंक्लेव सहित विभिन्न योजनाओं में अब तक औद्योगिक, व्यावसायिक व आवासीय करीब 250 संपतियों को बेचा जा चुका है।
फार्मा हब के औद्योगिक भूखंडों का बदल सकता है स्वरूप
जीडीए की ओर से दिल्ली-मेरठ हाईवे से सटे पॉकेट में करीब 25 औद्योगिक भूखंडों को फार्मा हब के लिए निर्धारित किया गया है। आने वाले दिनों में फार्मा हब से जुड़े भूखंडों की नीलामी प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। अगर नीलामी प्रक्रिया में निवेशक सामने नहीं आते हैं तो फार्मा हब के औद्योगिक भूखंडों का स्वरूप बदल दिया जाएगा। फिर प्राधिकरण की ओर से फार्मा की जगह सामान्य औद्योगिक भूखंडों की बिक्री की जाएगी।
औद्योगिक और व्यावसायिक भूखंडों की खरीद के लिए निवेशक आगे आ रहे हैं। इंद्रप्रस्थ योजना में सभी औद्योगिक भूखंडों की बिक्री हो चुकी है। मधुबन के साथ अन्य योजनाओं में औद्योगिक और व्यावसायिक भूखंडों को बिक्री के लिए नीलामी में शामिल किया जा रहा है। कोरोना काल में बीते पांच माह में जीडीए को करीब 200 करोड़ की आय हुई है।साभार-अमर उजाला
कंचन वर्मा, उपाध्यक्ष, जीडीए
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