गाजियाबाद के मोदीनगर के निवाड़ी थाना इलाके में सोमवार रात करीब डेढ़ बजे गंगनहर पटरी स्थित अबूपुर कट के पास ट्रक-कार की भिड़ंत में बिजनौर निवासी दंपती समेत तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान गांव नारायणपुर बिजनौर निवासी अल्ताफ (35), उसकी पत्नी जीनत (32) तथा गांव काठपुर बिजनौर निवासी कार चालक नसीम (23) के रूप में हुई है। हादसे में दंपती के तीन बच्चों समेत 11 लोग घायल हुए हैं।
कार चालक नसीम को कार मालिक के भतीजे की शादी में शामिल होना था, लिहाजा काम निपटाकर सोमवार रात 10 बजे वह गुरुग्राम से कार में सवारी बैठाकर बिजनौर के लिए रवाना हो गया। मां व छोटे भाई को भी शादी में जाना था, जिन्हें उसने दूसरे ड्राइवर की कार में आने को कह दिया।
दूसरी कार का ड्राइवर मां व भाई को मीरापुर में छोड़ता, जहां से नसीम उन्हें साथ ले लेता। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। रात करीब साढ़े 12 बजे मां अफसाना ने फोन मिलाया तो वह बंद मिला। करीब एक घंटे बाद गंगनहर पटरी पर नसीम की दुर्घटनाग्रस्त कार उसके छोटे भाई ने पहचान ली। मां ने उतरकर देखा तो नसीम कार में फंसा हुआ था और वह पल-पल निढाल होता जा रहा था। बेटे को दम तोड़ता देख मां बिलखती रही। नसीम को बाहर निकाला तो उसकी मौत हो चुकी थी।
अफसाना के मुताबिक उनके चार बेटियां व दो बेटे थे। नसीम सबसे बड़ा था। वह परिवार की आजीविका का मुख्य कर्ताधर्ता था। हिंडन मोर्चरी पर रोते-बिलखते हुए अफसाना ने बताया कि उन्होंने बेटे के साथ ही चलने को कहा था। लेकिन, उसने सवारी लेकर जाने की बात कहते हुए उन्हें व छोटे भाई को दूसरी कार में आने को कह दिया।
अफसाना ने बताया कि रात करीब 12 बजे नसीम ने उनकी कार के ड्राइवर को फोन करके कहा था कि उन्हें मीरापुर में उतार दे। रात साढ़े 12 बजे नसीम का मोबाइल बंद आने पर वह परेशान हो गईं। अफसाना ने बताया कि अगर उनका छोटा बेटा जैद नसीम की कार को नहीं पहचानता तो वह आगे निकल जातीं।
मुझे क्या पता था कि कार में मेरा ही बेटा फंसा है
अफसाना ने बताया कि गंगनहर मार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त कार को पुलिस व राहगीरों ने घेरा हुआ था। उन्होंने सोचा कि कोई एक्सीडेंट हो गया है। लोग कह रहे थे कि बेचारा कार में फंसा तड़प रहा है। यह सुनते ही उनका कलेजा बैठ गया। लेकिन पास जाकर देखा तो उनके होश उड़ गए। उन्हें क्या पता था कि कार में फंसकर तड़प रहा उनका ही बेटा नसीम है। उनका कहना है कि कार में फंसे बेटे की सांस चल रही थीं। लेकिन धीरे-धीरे उसकी धड़कन शांत होती चली गई।
बेआसरा हुए अल्ताफ के बच्चे, एक युवक का हाथ कटा
अल्ताफ छह भाइयों में सबसे बड़ा था। पिता मधुमेह से पीड़ित होने के कारण मेहनत-मजदूरी करने में भी असमर्थ हैं। हादसे में अल्ताफ और उसकी पत्नी की मौत के बाद उसके तीनों बच्चे बेसहारा हो गए। वहीं, हादसे में नागल सोती निवासी शहबान का हाथ कट गया। हालांकि, उसकी हालत खतरे से बाहर है।साभार-अमर उजाला
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