फोटो 2010 की है। तब दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बराक और मिशेल ओबामा के लिए डिनर होस्ट किया था। इसमें मनमोहन की पत्नी गुरशरण कौर, राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी शामिल हुए थे।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की किताब ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ एक हफ्ते में दूसरी बार चर्चा में है। किताब के एक हिस्से में सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी का जिक्र है। ओबामा के मुताबिक, सोनिया ने मनमोहन सिंह को इसलिए प्रधानमंत्री बनाया, क्योंकि वो चाहती थीं कि राहुल गांधी के लिए भविष्य में कोई चुनौती खड़ी न हो सके।
चार दिन पहले इसी किताब (संस्मरण) का एक और हिस्सा सामने आया था। इसमें ओबामा ने कहा था- राहुल उस स्टूडेंट की तरह हैं, जो टीचर को इम्प्रेस करने के लिए तो उत्सुक (ईगर) है, लेकिन सब्जेक्ट का मास्टर होने के मामले में योग्यता या जुनून की कमी है। यह राहुल की कमजोरी है।
भारत का आर्थिक विकास
ओबामा के मुताबिक, 1990 के दशक में भारत मार्केट बेस्ड इकोनॉमी था। मिडिल क्लास तेजी से ग्रोथ कर रहा था। इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अहम योगदान था। उन्होंने लोगों के जीवनस्तर को सुधारने के लिए काफी मेहनत और कोशिश की। उनके बारे में कहा जाता है कि वे भ्रष्ट नहीं थे।
ओबामा के मुताबिक, 26/11 के मुंबई हमले के बाद मनमोहन पर पाकिस्तान के खिलाफ हमले का दबाव था। उन्होंने ऐसा नहीं किया। लेकिन, इसका उन्हें सियासी तौर खामियाजा भुगतना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी मजबूत होती गई। ओबामा के मुताबिक, भारत की राजनीति पर अब भी धर्म और जाति हावी हैं। लेकिन, ये कहना सही नहीं होगा कि इसी वजह से मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया। इसके पीछे वजह कुछ और थी।
सोनिया की मंशा पर सवाल
ओबामा लिखते हैं- कई सियासी जानकार मानते हैं कि सोनिया ने मनमोहन को बहुत सोच समझकर पीएम बनाया। सिंह का कोई पॉलिटिकल बेस भी नहीं था। सच्चाई कुछ और है। दरअसल, सोनिया नहीं चाहती थीं कि उनके 40 साल के पुत्र राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य को कोई खतरा हो। वे राहुल को कांग्रेस की कमान सौंपने के लिए भी तैयार कर रही थीं।
उस डिनर की बात…
ओबामा ने एक डिनर का भी जिक्र किया है। यह ओबामा के सम्मान में मनमोहन सिंह ने होस्ट किया था। सोनिया और राहुल इसमें शामिल हुए थे। ओबामा लिखते हैं- सोनिया बोलने से ज्यादा सुनना पसंद कर रही थीं। जैसे ही पॉलिसी मैटर की तरफ बात होती तो वो बातचीत का रुख अपने बेटे राहुल की तरफ मोड़ देतीं। अब मेरे सामने साफ हो गया था कि सोनिया इंटेलिजेंट हैं और इसे जाहिर भी कर देती हैं। राहुल स्मार्ट और जोशीले दिखे। उन्होंने मेरे 2008 के इलेक्शन कैम्पेन के बारे में भी सवाल किए।
ओबामा आगे लिखते हैं- मैं नहीं जानता था कि पद से हटने के बाद मनमोहन सिंह के साथ क्या होगा। क्या वे सत्ता राहुल को सौंप देंगे। यानी वही करेंगे जो राहुल के लिए सोनिया ने सोच रखा है। या कांग्रेस के दबदबे को भाजपा चुनौती देगी।साभार-दैनिक भास्कर
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