- दिल्ली में तीन साल बिना बिजली के पढ़ाई की, पिता दिल्ली में ही ड्राइवर की नौकरी करते थे
- 2016 में शुरू किया यूट्यूब चैनल, इनके तीन चैनलों पर 6 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर
‘आपके पास बहुत सारे रिसोर्सेज (संसाधन) हैं तो आप वैसा बनेंगे, जैसे रिसोर्सेज होंगे, लेकिन अगर आपके पास रिसोर्सेज नहीं हैं तो आप वैसा बनेंगे, जैसा आप बनना चाहते हैं।’ यह एक्सपीरियंस यू-ट्यूबर अमरेश भारती का है। वो बिहार के समस्तीपुर के एक छोटे से गांव बथुआ बुजुर्ग के रहने वाले हैं। 7वीं क्लास तक वहीं पढ़े। फिर मां-बाप के साथ दिल्ली आ गए। पिता दिल्ली में ड्राइवर की नौकरी करते थे। महीने की कमाई तीन हजार रुपए थी।
तीन साल बिना बिजली के रहे अमरेश जब गांव में रहते थे तो वहां बिजली थी, लेकिन दिल्ली में जहां रहते थे, वहां बिजली नहीं थी। तीन साल तक परिवार बिना बिजली के ही रहा। कहते हैं, जहां हम रहते थे, वहां चौकीदार, ड्राइवर, माली ऐसे लोग ही रहते थे तो कभी यह लगा ही नहीं कि हम गरीब हैं, क्योंकि वहां रहने वाले सभी लोग एक जैसे ही थे। दिल्ली में सरकारी स्कूल में पढ़ रहे थे। जब 11वीं क्लास में आए तो परिवार में ट्रेजडी हो गई। मां चल बसीं। दोनों बहनों की पहले ही शादी हो गई थी। रिश्तेदार अमरेश के पिता को कहने लगे कि आप शादी कर लीजिए, परिवार संभल जाएगा। उन्होंने इनकार कर दिया, तो 17 साल की उम्र में ही अमरेश की शादी करवा दी गई। दोस्तों को पता चला तो उन्होंने अमरेश का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। उसके साथ खेलना-कूदना बंद कर दिया।
वे कहते हैं, ‘उसी दिन सोच लिया था कि अब जिंदगी में ऐसा कुछ करना है, जिससे नाम बना सकूं। जो हंस रहे हैं, उनके और खुद के बीच में इतना बड़ा डिस्टेंस बना लूंगा कि वे भी एक दिन कहेंगे कि भाई तूने जिंदगी में कुछ किया है।’
अकाउंट अच्छा था तो कोचिंग पढ़ाने लगे
अमरेश 12वीं की पढ़ाई पूरी करके सोच रहे थे कि पैसे कैसे कमाऊं, क्या करूं। दिमाग में आइडिया आया कि कोचिंग पढ़ाना शुरू कर देता हूं। उन्होंने होम ट्यूटर के तौर पर अकाउंट पढ़ाना शुरू कर दिया। वे कहते हैं कि एक साल में ही मेरे पास 30 से 35 स्टूडेंट्स हो गए थे और महीने की कमाई एक से सवा लाख रुपए थी। मेरे पढ़ाने का तरीका स्टूडेंट्स को बहुत पसंद आया इसलिए मेरी डिमांड बढ़ गई थी, जिसके बाद मैंने फीस भी बढ़ा दी।
इन सबके बीच सीए की पढ़ाई शुरू कर दी। सेकंड ईयर में ही लगा कि सीए करके भी कोचिंग ही पढ़ाना है तो फिर सीए करने से क्या मतलब। इसके बाद सीए की पढ़ाई बीच में ही ड्रॉप कर दी और पूरी तरह से कोचिंग पर फोकस किया। कहते हैं, कोचिंग की दम पर एक साल में ही मैंने पैसा जमा कर लिया, गाड़ी खरीद ली। 2016 तक यही चलता रहा। तभी मेरे एक स्टूडेंट ने सलाह दी कि सर आप यू-ट्यूबर क्यों नहीं बनते। यू-ट्यूब पर लोग वीडियो से खूब कमाई कर रहे हैं।
छह महीने तक यू-ट्यूब पर वीडियो वायरल नहीं हुए
अमरेश कहते हैं, ‘मैंने देखा कि यू-ट्यूब पर सालों पुराने वीडियो हम देख रहे हैं। मैंने भी डिसाइड कर लिया कि यू-ट्यूब पर वीडियो बनाना शुरू करूंगा। कोचिंग से पैसे जोड़ लिए थे, इसलिए उस समय कोई दिक्कत नहीं थी। मैंने अच्छा कैमरा खरीदा और वीडियो बनाना शुरू किए। शुरूआत के छह महीने कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। मैं मोटिवेशनल और पढ़ाई से रिलेटेड वीडियो पोस्ट कर रहा था। छह महीने बाद अचानक मेरे वीडियो वायरल होने शुरू हुए। मैं महीने में दस से बारह वीडियो ही पोस्ट करता हूं। धीरे-धीरे वीडियो वायरल होने लगे, तो अर्निंग भी होने लगी।’
वो बताते हैं कि मैं समझ गया था कि फ्यूचर यही है। मैंने ऑफलाइन पढ़ाने का काम पूरी तरह बंद कर दिया और ऑनलाइन कोचिंग शुरू कर दी। कुछ दिनों में ही यू-ट्यूब पर फेमस हो गया। अब बाकायदा स्टाफ रखा है, जो सिलेबस के हिसाब से वीडियो यूट्यूब पर पोस्ट करते हैं। हमारे तीन यू-ट्यूब चैनल हैं, जिनमें 6 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और सालाना कमाई करोड़ों में है। आज मैं 40 से 45 लोगों को जॉब दे रहा हूं। हम डिजिटल मार्केटिंग और यूट्यूब मार्केटिंग पर काम कर रहे हैं। कई राज्यों में बच्चों को फ्री में यूट्यूब की ट्रेनिंग दे चुके हैं। अब देश के कई राज्यों में वॉलेंटियर भी बना लिए हैं, जो ग्रामीण बच्चों को यूट्यूब के बारे में नॉलेज देते हैं।साभार-दैनिक भास्कर
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post