स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज होने के बाद देश के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के नाम एक संदेश जारी किया है.
उन्होंने शुक्रवार को ट्विटर पर बयान जारी करके बताया कि वो इस मामले में न तो माफ़ी माँगेंगे और न ही अदालत में अपना पक्ष रखने के लिए कोई वकील रखेंगे.
अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने ही सुप्रीम कोर्ट के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक ट्वीट करने के लिए उन पर न्यायालय की अवमानना का मामला चलाने की अनुमति दी थी.
कामरा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर विस्तृत बयान जारी किया.
प्रिय जजों और मिस्टर केके वेणुगोपाल,
मैंने हाल ही में जो ट्वीट किए थे उन्हें न्यायालय की अवमानना वाला माना गया है. मैंने जो भी ट्वीट किए वो सुप्रीम कोर्ट के उस पक्षपातपूर्ण फ़ैसले के बारे में मेरे विचार थे जो अदालत ने प्राइम टाइम लाउडस्पीकर के लिए दिए थे.
मुझे लगता है कि मुझे मान लेना चाहिए: मुझे अदालत लगाने में और एक संजीदा दर्शकों वाले प्लैटफ़ॉर्म पर आने में मज़ा आता है. सुप्रीम कोर्ट के जजों और देश के सबसे बड़े वकील तो शायद मेरे सबसे वीआईपी दर्शक होंगे. लेकिन मैं ये भी समझता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट का एक टाइम स्लॉट मेरे उन सभी एंटरटेनमेंट वेन्यू से अलग और दुर्लभ होगा, जहाँ मैं परफ़ॉर्म करता हूँ.
मेरे विचार बदले नहीं हैं क्योंकि दूसरों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े मामलों पर सुप्रीम कोर्ट की चुप्पी की आलोचना न हो, ऐसा नहीं हो सकता. मेरा अपने ट्वीट्स को वापस लेने या उनके लिए माफ़ी माँगने का कोई इरादा नहीं है. मेरा यक़ीन है कि मेरे ट्वीट्स ख़ुद अपना पक्ष बख़ूबी रखते हैं.
मैं सुझाना चाहूँगा कि मेरे मामले को जो वक़्त दिया जाएगा (प्रशांत भूषण के खिलाफ़ चले मामले का उदाहरण लें तो कम से कम 20 घंटे) वो दूसरे मामलों और लोगों को दिया जाए. मैं सुझाना चाहूँगा कि ये उन लोगों को दिया जाए जो मेरी तरह कतार तोड़कर आगे आने के लिए पर्याप्त भाग्यशाली नहीं हैं.
क्या मैं सुझा सकता हूँ कि मेरी सुनवाई का वक़्त नोटबंदी की याचिका, जम्मू-कश्मीर का ख़ास दर्जा वापस मिलने को लेकर दायर की गई याचिका और इलक्टोरल बॉन्ड जैसे उन अनगिनत मामलों को दिया जाए, जिन पर ध्यान दिए जाने की ज़्यादा ज़रूरत है.
अगर मैं वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की बात को थोड़ा घुमाकर कहूँ तो, क्या अगर ज़्यादा महत्वपूर्ण मामलों को मेरा वक़्त दे दिया जाए तो आसमान गिर जाएगा?
वैसे तो भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक मेरे ट्वीट्स को किसी श्रेणी (अवमानना की) में नहीं रखा है लेकिन अगर वो ऐसा करते हैं तो उन्हें अदालत की अवमानना वाला बताने से पहले वो थोड़ा हँस सकते हैं.
कुणाल कामरा के इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा है. ट्विटर पर #KunalKamra और #ContemptOfCourt ट्रेंड कर रहे हैं. कुछ लोग कुणाल कामरा के ‘बोल्ड’ विचारों के लिए उनकी सराहना कर रहे हैं तो कुछ उनका विरोध भी कर रहे हैं.
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ अर्नब गोस्वामी को ज़मानत पर तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था. इसके बाद कुणाल कामरा ने अपने ट्विटर एकाउंट से सुप्रीम कोर्ट पर कथित अपमानजनक ट्वीट किया था.
इसके बाद अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को आठ से अधिक पत्र मिले थे, जिनमें कामरा के ख़िलाफ़ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी.
ऐसा नहीं है कि कुणाल कामरा पहली बार विवादों में आए हैं.
इस वर्ष जनवरी के महीने में कुणाल कामरा पत्रकार अर्नब गोस्वामी से एक फ़्लाइट में उनकी सीट पर जाकर सवाल पूछते नज़र आए थे. यह वीडियो वायरल हो गया था.
उस वीडियो में अर्नब गोस्वामी कुणाल को नज़रअंदाज़ करते हुए अपने लैपटॉप पर कुछ देखने में व्यस्त दिखते हैं. इस घटना के बाद कुणाल पर इंडिगो ने छह महीने का यात्रा प्रतिबंध लगा दिया था.
कुणाल कामरा सोशल मीडिया पर काफ़ी मुखर होकर सरकार और सरकारी नीतियों की आलोचना करते रहते हैं.
कौन हैं कुणाल कामरा
कुणाल कामरा मुंबई के रहने वाले हैं और लोग उन्हें स्टैंडअप कॉमेडियन के रूप में जानते हैं. लेकिन उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर प्रोडक्शन असिस्टेंट की थी. वो एक विज्ञापन एजेंसी में प्रोडक्शन असिस्टेंट थे. विज्ञापन के क्षेत्र में क़रीब 11 साल काम करने के बाद कुणाल ने बतौर स्टैंड-अप कॉमेडियन अपना करियर शुरू किया. साल 2013 में उन्होंने अपना पहला कार्यक्रम पेश किया था.
साल 2017 में रमित वर्मा के साथ मिलकर उन्होंने एक पॉडकास्ट शो ‘शट अप या कुणाल’ शुरू किया. इस शो में कुणाल राजनीतिक हस्तियों, समाजिक कार्यकर्ताओं और मशहूर शख़्सियतों से चिट-चैट करते थे.
‘शट अप या कुणाल’ के पहले सीज़न के पहले मेहमान उस समय बीजेपी युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष मधुकिश्वर देसाई थे. पहले सीज़न में ही कुणाल ने रवीश कुमार, जावेद अख़्तर,असदुद्दीन ओवैसी, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, मिलिंद देवड़ा और सचिन पायलट जैसे नामचीन लोगों का इंटरव्यू किया था. दूसरे सीज़न में कुणाल ने संजय राउत को बुलाने से पहले राज ठाकरे को भी न्योता भेजा था.
कुणाल को उनके पॉलीटिकल स्टैंड के लिए भी जाना जाता है. कई बार उनके स्टेटस विवादों में आ जाते हैं या फिर ट्रेंड बन जाते हैं.साभार-ंबी बी सी
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