गाजियाबाद। नगर निगम की बैठक में करोड़ों के निर्माण कार्य पास तो कर दिए गए लेकिन वर्क आर्डर जारी होने के करीब एक साल बाद भी 313 निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं। जनता सड़क, सीवर, पानी के विकास कार्यों के शुरू होने का इंतजार कर रही है, लेकिन न तो ठेकेदारों ने काम शुरू किया और न ही जनप्रतिनिधियों ने अफसरों से जवाब मांगा। एक साल से बोर्ड बैठक ही नहीं हुई तो पार्षद भी इन मुद्दों को नहीं उठा पाए।
नगर निगम के निर्माण और जलकल विभाग ने बीते साल करीब 515 निर्माण कार्यों की टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद कई माह तक फाइलें पास नहीं हुईं, पार्षदों के विरोध के बाद बीते साल अक्तूबर-नवंबर में तत्कालीन नगरायुक्त ने वर्कआर्डर भी जारी करा दिए लेकिन ठेकेदारों ने काम शुरू नहीं किया। इन 515 कार्यों में से करीब 70 करोड़ के 313 निर्माण कार्य एक साल बाद भी शुरू नहीं हुए। लोग परेशान हैं और विकास कार्य होने का इंतजार कर रहे हैं।
दो-दो बार नारियल फोड़े, जनप्रतिनिधियों ने ले ली वाहवाही-
इन करोड़ों के निर्माण कार्यों के लिए कई ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जिन्होंने एक-एक कार्य के लिए वर्क आर्डर जारी होते ही नारियल फोड़े और जनता में वाहवाही ले ली। प्रताप विहार में कई माह बाद भी विकास कार्य शुरू न होने पर कॉलोनी के लोगों ने पार्षदों पर दबाव बनाया तो उन्होंने भी ठेकेदार को मैनेज कर दोबारा नारियल फोड़कर कार्यों का शिलान्यास करा दिया। लोगों को लगा कि अब निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे। बावजूद इसके अभी भी विकास कार्य शुरू नहीं हुए हैं।
प्रताप विहार की टीचर्स कॉलोनी में 55 लाख से बननी थी सड़क
प्रताप विहार सेक्टर-12 स्थित टीचर्स कॉलोनी में नगर निगम ने बीते साल अक्तूबर माह में 55.30 लाख के फंड से सड़क निर्माण पास किया था। ठेकेदार ने सड़क की साफ-सफाई भी करा दी थी, लेकिन फिर काम रुक गया। प्रताप विहार एन- ब्लाक आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष राजनारायण त्यागी ने बताया कि इस सड़क का निर्माण एक साल बाद भी शुरू नहीं हुआ है। कई बार पूर्व नगरायुक्त दिनेश चंद्र सिंह से और महापौर आशा शर्मा से शिकायत की गई थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। वर्तमान नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर को भी लिखित शिकायत दी गई, लेकिन काम अभी भी शुरू नहीं हुआ। कालोनी निवासी एसके सिंह का कहना है कि करीब 10 दिन पूर्व पार्षद ने इस कार्य का दोबारा शिलान्यास किया, लेकिन ठेकेदार काम करने नहीं पहुंचा।
वर्क आर्डर जारी होने के बाद भी अटके यह कार्य-
1. वार्ड-3 एच ब्लाक में 15.59 लाख से नाली मरम्मत व इंटरलॉकिंग टाइल्स का काम।
2. वार्ड-4 माता कॉलोनी में दो गलियों में इंटरलॉकिंग टाइल्स, सड़क सुधार का कार्य।
3. वार्ड-4 रोजी कॉलोनी में 7.87 लाख से सड़क सुधार व नाली निर्माण।
4. वार्ड-5 हर्ष विहार में 28.98 लाख से नाली निर्माण व इंटरलॉकिंग कार्य।
5. वार्ड-10 डीएलएफ कालोनी के ए ब्लाक में 20.22 लाख से नाली व इंटरलाकिंग टाइल्स का कार्य।
6. वार्ड-29 कुटी में तीन गलियों में इंटरलॉकिंग टाइल्स का काम।
7. वार्ड 34 शहीद नगर में 29.64 लाख से टेलीफोन एक्सचेंज रोड पर नाला निर्माण कार्य।
8. वार्ड-83 श्यामपार्क एक्स. में शिवपार्क के चारों ओर इंटरलॉकिंग टाइल्स का कार्य।
9. वार्ड-47 शास्त्रीनगर सी-ब्लाक जैन मंदिर पार्क में 20 लाख से फुटपाथ का कार्य।
10. वार्ड-71 संजय नगर बी-53 से एमएन-317 तक मुख्य सड़क व आरसीसी नाली निर्माण, लागत 21.94 लाख।
अधिकारी बोले-
रुके हुए विकास कार्यों की समीक्षा की गई है। करीब 313 विकास कार्य ऐसे मिले थे जिनमें वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद भी ठेकेदारों ने काम शुरू नहीं किया है। ठेकेदारों को बुलाकर वार्ता की गई तो उन्होंने भुगतान का मुद्दा भी उठाया। धीरे-धीरे भुगतान कर ठेकेदारों से काम शुरू कराया जा रहा है। ठेकेदारों को नोटिस भी जारी किए गए हैं। बड़ी संख्या में काम शुरू हो चुके हैं।
महेंद्र सिंह तंवर, नगरायुक्त-साभार-अमर उजाला
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