डी-कंपनी से प्रभावित होकर हाशिम ने गैंग का नाम रखा था बी-कंपनी

दिल्ली के टॉप-10 बदमाश व छह लाख की इनामी हाशिम बाबा उर्फ आसिम (34) को स्पेशल सेल की टीम बुधवार तड़के शाहदरा इलाके में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया।

हाशिम सुभाष पार्क में अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने आया था।
एक समय ऐसा था जब हाशिम बाबा उर्फ आसिम उर्फ तस्लीम खान उर्फ फकीरा अपने पिता के साथ ठेले पर जूते-चप्पल और पर्स बेचा करता था। वर्ष 2007 में उस पर गोकुलपुरी
थाने में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ। इसके बाद हाशिम ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपराध की दुनिया में वह डी-कंपनी से काफी प्रभावित था। यही वजह है कि उसने अपने गैंग का नाम बी-कंपनी रखा।

काफी समय उसने दिल्ली के टॉप मोस्ट गैंगस्टर अब्दुल नासिर के साथ काम किया। हाशिम को फिल्मी अंदाज में फोटो खिंचवाने और वीडियो बनवाने शौक है। कुछ दिन पूर्व नासिर से ठनने के बाद हाशिम ने उसके खिलाफ ही मोर्चा खोला हुआ था। पिछले दिनों कई मर्डर होने के बाद दोनों एक-दूसरे की जान के दुश्मन बने हुए थे। पुलिस ने इसी 14 सितंबर को पहले नासिर को दबोचा था। अब हाशिम को गिरफ्तार कर इसे बड़ी कामयाबी मान रही है।

पुलिस के मुताबिक पहले केस में हाशिम ने नामी गैंगस्टर कासिम  पर गोलियां चलाई थीं। इसमें वह जिंदा बच गया था। इस वारदात के बाद नासिर ने हाशिम को अपने गैंग में शामिल कर लिया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नासिर और छेनू पहलवान के बीच लगातार वर्चस्व को लेकर गैंगवार चलती रही। हाशिम बाबा लगातार इस गैंगवार में सूत्रधार बना रहा। उसे गिरफ्तार करने में पुलिस को सात साल लगे। दो जून 2014 को पहली बार उत्तराखंड के राम नगर क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार किया। 2016 में वह जेल से बाहर आ गया। इसके बाद से वह फरार चल रहा था।

हाशिम बाबा ने सट्टे के काले कारोबार में खूब रंग जमाया। हाशिम की सीलमपुर के बदमाश आकिल मामा से रंजिश हो गई। इसी रंजिश में नासिर के करीबी आतिफ की हत्या 15 मई 2011 में कर दी गई। इसके बाद हाजी मतीन को हाशिम, नासिर और आतिफ के बड़े भाई इमरान सैफी ने मार दिया। नासिर जेल गया तो हाशिम ओर राशिद केबलवाले ने नवंबर 2013 में आकिल मामा की गोली मारकर हत्या कर दी।

बाबा का नाम 19 अप्रैल 2017 को छेनू के मोहम्म्द कमर, इमरान और राशिद पर फायरिंग करने में भी आया। कमर और इमरान की मौत हो गई। लगातार छूने और नासिर के बीच हत्याएं होती रही। इसे रोकने के लिए वर्ष 2018 जून में मस्जिद में इमामों के बीच नासिर और छेनू के बीच समझौता कराया गया। इससे बाबा खफा हो गया। उसने नासिर से खुद को अलग कर लिया। सोशल मीडिया पर नासिर और बाबा के बीच तकरार बढ़ गई।साभार-अमर उजाला

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