डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा पेंसिल्वेनिया राज्य में जीत के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे को लेकर सारी आशंकाएं दूर हो गईं। डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार जो बाइडन ने ट्रंप को हराकर जीत हासिल कर ली। उन्होंने ट्वीट कर अपनी जीत की घोषणा भी कर दी। बाइडन के अलावा कमला हैरिस ने भी जीत के साथ इतिहास रच दिया।
वहीं, भारतीय मूल की कमला हैरिस ने भी इस चुनाव में जीत के साथ इतिहास रच दिया है। वो पहली ऐसी महिला हैं जो अमेरिका के उप-राष्ट्रपति पद पर आसीन होंगी। भारत के लिए भी गर्व की बात है कि भारतीय मूल की एक महिला अमेरिकी उप-राष्ट्रपति का पद संभालेंगी।
जीत के बाद कमला हैरिस ने ट्वीट कर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि जो बाइडन और मेरे लिए इस चुनाव के बहुत अधिक मायने हैं। यह अमेरिका की आत्मा और इसके लिए लड़ने की हमारी इच्छा के बारे में है। आगे बहुत काम हैं। आइए शुरू करें।
This election is about so much more than @JoeBiden or me. It’s about the soul of America and our willingness to fight for it. We have a lot of work ahead of us. Let’s get started.pic.twitter.com/Bb9JZpggLN
— Kamala Harris (@KamalaHarris) November 7, 2020
हैरिस का जन्म 1964 में ऑकलैंड में
हैरिस का जन्म 1964 में ऑकलैंड में हुआ। उनकी मां श्यामला गोपालन हैरिस भारतीय मूल से संबंध रखती हैं, वहीं जमैका मूल के पिता डोनाल्ड हैरिस एक स्तन कैंसर वैज्ञानिक थे। जब हैरिस 7 वर्ष की थीं तब उनके माता-पिता के बीच तलाक हो गया था।
हैरिस के नाना पी.वी. गोपालन तमिलनाडु के थुलासेंद्रपुरम् गांव के निवासी
हैरिस के नाना पी.वी. गोपालन पूर्व राजनयिक व तमिलनाडु के थुलासेंद्रपुरम् गांव के निवासी थे। उनकी नानी राजम नजदीक के पेंगानाडु गांव से थी। हालांकि कमला के पूर्वजों ने कई दशक पहले गांव छोड़ दिया था, लेकिन परिवार के सदस्यों ने मंदिर के साथ अपने संबंध थुलासेंद्रपुरम् में बरकरार रखे हैं।
1998 में ब्राउन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट
कमला हैरिस वर्ष 1998 में हैरिस ब्राउन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हुईं और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद हैरिस सैन फ्रांसिस्को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस में काम करने लगी जहां उन्हें करियर क्रिमिनल यूनिट का इंचार्ज बनाया गया।
फ्रांसिस्को के काउंटी की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी चुनी गई थी
2003 में उन्हें सिटी और सैन फ्रांसिस्को के काउंटी की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के तौर पर चुना गया था।
2011 में कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल चुनी गई थीं
उन्होंने वर्ष 2011 में कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनकर इतिहास रच दिया था। इसके बाद वह राजनीति में और भी अधिक सक्रिय हो गईं।
2016 में जीता था सीनेटर का चुनाव
लोरेटा सांचेज को 2016 सीनेट चुनाव में हराकर हैरिस संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट में सेवा देने वाली पहली दक्षिण एशियाई अमेरिकी बनीं।
2020 में उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनकर जीत हासिल की
डेमोक्रेटिक पार्टी ने 2020 में उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया और उन्होंने जीत हासिल कर इतिहास रच दिया।साभार-अमर उजाला
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