गाजियाबाद, फीस को लेकर सुनवाई नहीं, आंदोलन की चेतावनी

गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन अवधी की फीस माफी को लेकर अभिभावकों का विरोध जारी है। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर 3 महीने की फीस माफी एवं जुलाई से फीस निर्धारण की मांग की है। उन्होंने कहा कि फीस जमा न करने पर स्कूल बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित कर रहे है।

गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने कोरोना वैश्विक महामारी के कारण देश में लॉक डाउन रहा है, जिसके कारण वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही तो लगभग सभी के लिए शून्य हो गई । देश के अभिभावकों को एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।देश के निजी स्कूल लगभग पिछले 7 महीनों से पूर्णतया बंद है। पिछले 7 महीनों से छात्रों द्वारा स्कूल से सुविधा भी नहीं ली गई हैं। क्लास रूम स्टडी, कंप्यूटर लैब, प्ले ग्राउंड, पुस्तकालय, बिजली, पानी, स्टेशनरी, प्रोजेक्टर आदि। उसके बाद भी निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर पूरी फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।जो किसी भी दशा में सही नहीं है।

जब छात्रों द्वारा स्कूलों से सुविधाएं ही नहीं ली गयी तो पूरी फीस क्यों? उन्होंने कहा कि फीस जमा न कर पाने की स्थिति में छात्र छात्राओं की ऑन लाइन क्लास रोकी जा रही है। ऑन लाइन परीक्षा के रिजल्ट रोके जा रहे है। बच्चों के सीबीएसई के रजिस्ट्रेशन रोके जा रहे है। उन्होंने देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से 3 महीने की फीस माफ करने एवं जुलाई से ऑनलाइन कक्षा के आधार पर फीस का निर्धारण करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।साभार-अमर उजाला

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