मूल रूप से पुणे के रहने वाले दंपती योगेश और सुमेधा चिथाडे के प्रयासों से निर्मित ऑक्सीजन पैदा करने वाली मशीन सियाचिन ग्लेशियर में देश की सुरक्षा में तैनात हजारों भारतीय फौजियों को प्राणवायु प्रदान कर रही है। अमर उजाला से खास बातचीत के दौरान योगेश चिथाडे ने बताया कि ऑक्सीजन पैदा करने वाली उनकी यह मशीन दिल्ली समेत देश के उन शहर वासियों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है, जहां पर वायु प्रदूषण लोगों के लिए काल बन चुका है।
एयर फोर्स से रिटायर योगेश चिथाडे ने पेशे से शिक्षिका पत्नी सुमेधा की प्रेरणा से ऑक्सीजन पैदा करने वाली यह मशीन बनाई है। ऑक्सीजन पैदा करने वाली इस मशीन से सियाचिन ग्लेशियर में 30,000 से अधिक भारतीय सिपाहियों और हजारों स्थानीय नागरिकों को अब तक प्राणवायु आक्सीजन की सेवा मिल चुकी है। इस दंपति के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सम्मानित कर चुके हैं। बातचीत के दौरान योगेश चिथाडे ने दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण को लेकर गहरी चिंता जाहिर की।
उन्होंने कहा कि यह ऑक्सीजन प्लांट पहले केवल सेना के जवानों के लिए बनवाया था। लेकिन यदि उन्हें सरकार की ओर से सहयोग मिला तो वह इसे दिल्ली में भी लगाएंगे। उनके पास पूरा प्लान है, जिसपर 3 साल उन्होंने अध्ययन किया है। आने वाले दिनों में देश भर में जहां से भी आर्डर मिला, वह ऑक्सीजन पैदा करने वाला प्लांट वहां पर लगाएंगे।
ऑक्सीजन पार्लर खोलना अनिवार्य हो जाएगा
योगेश चिथाडे ने कहा कि शुद्ध ऑक्सीजन मिलेगी तभी शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक रहेगा। उन्होंने कहा कि जैसे 30 साल पहले पानी खरीदने पर आश्चर्य होता था। उसी तरह से अभी ऑक्सीजन खरीदना उतना ही आश्चर्यजनक है। लेकिन जिस तरह से शहर में प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है ऐसे में यह निश्चित है कि आने वाले दिनों में अनिवार्य रूप से लोगों को ऑक्सीजन खरीदनी पड़ेगी। इसलिए सियाचिन ग्लेशियर के बाद अब पुणे में वीर शहीदों की पत्नियों के लिए एक ऑक्सीजन पार्लर खोलने का वह विचार कर रहे हैं। जिसका संचालन वीर शहीदों की नारियां ही करेंगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एमसीडी के सहयोग से सार्वजनिक स्थानों पर ऑक्सीजन पार्लर लगाया जा सकता है।
15 से 30 मिनट ले सकेंगे शुद्ध ऑक्सीजन
पुणे में खुलने वाले ऑक्सीजन पार्लर में लोग 15 से 30 मिनट शुद्ध ऑक्सीजन ले सकेंगे। यदि दिल्ली सरकार ने संपर्क किया तो वह दिल्ली में भी इस तरह के ऑक्सीजन पार्लर खोलेंगे। सरकार की मदद से जिसे नि:शुल्क भी चलाया जा सकता है।
कैसी है ऑक्सीजन बनाने वाली मशीन
यह 20 फीट के कंटेनर के आकार की ऑक्सीजन पैदा करने वाली मशीन है। योगेश ने बताया कि केवल एक बटन दबाकर इसे चालू किया जा सकता है। जिससे 1 मिनट में 220 से 224 लीटर शुद्ध ऑक्सीजन निकलती है।
कहां से मिली इसे बनाने की प्रेरणा
साल 2015 में एक कार्यक्रम के दौरान सियाचिन में सेवाएं दे चुके परमवीर चक्र कैप्टन बाना सिंह से योगेश चिथाडे की मुलाकात हुई थी। जिन्होंने योगेश को बताया था कि सियाचिन में गोलियों से ज्यादा कम आप सीजन की वजह से सैनिकों की मौत हो जाती है। इसके बाद योगेश और उनकी पत्नी सुमेधा ने सैनिकों के लिए शुद्ध ऑक्सीजन पैदा करने वाली मशीन बनाने का जिम्मा उठाया।
देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं
सुमेधा चिथाडे ने कहा कि वह दुनिया की सबसे अमीर औरत हैं। क्योंकि उनके पति एयरफोर्स से रिटायर होने के बाद भी देश सेवा में जुटे हैं। उनका इकलौता बेटा आर्मी में अफसर है और सेवाएं दे रहा है। वह भी शिक्षिका हैं और उनकी कमाई का पूरा हिस्सा देश सेवा में जा रहा है। इसलिए उन्हें अपने काम पर गर्व है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो दिल्ली में भी ऑक्सीजन पार्लर खोलने के लिए वह कैंपेन शुरू करेंगी। देश सेवा करने के जज्बा रखने वाले लोगों के सहयोग से ऐसा किया जा सकता है।
इन शहरों में ऑक्सीजन पैदा करने वाली मशीन की जरूरत
वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट-2019 के मुताबिक दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी थी। एनसीआर में स्थित गाजियाबाद दुनिया का सर्वाधिक प्रदूषित शहर था। सबसे अधिक प्रदूषित 30 शहरों में सर्वाधिक शहर भारत के थे। यह रिपोर्ट हर साल आती है। वर्ष 2020 की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। जबकि इस बार सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले ही दिल्ली में धुंध और लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में दिल्ली समेत देश के तमाम प्रदूषित शहर वासियों को ऑक्सीजन पैदा करने वाली इस मशीन की सख्त जरूरत है।साभार-अमर उजाला
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं।शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post