मथुरा जनपद के नंदगांव स्थित नंदबाबा मंदिर परिसर में नमाज अदा करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मंदिर के दो सेवायतों की तहरीर पर थाना बरसाना में चार युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। सेवायतों ने नमाज अदा करने वाले युवकों के संबंध विदेशी संगठनों से होने की आशंका जताई है। साथ ही विदेशी फंडिंग की जांच की भी मांग की गई है। बता दें कि दिल्ली से आए दो युवकों ने मंदिर परिसर में नमाज अदा की थी। इसके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।
मंदिर के सेवायत मुकेश गोस्वामी और शिवहरि गोस्वामी ने रविवार की शाम दी तहरीर में कहा है कि 29 अक्तूबर को दोपहर साढ़े बारह बजे नंदबाबा मंदिर नंदगांव में मुस्लिम यात्री और दिल्ली की खोदाई खिदमतगार संस्था के सदस्य फैसल खान व मोहम्मद चांद अपने साथियों आलोक रतन और नीलेश गुप्ता के साथ आए थे।
आरोप है कि फैसल और मोहम्मद चांद ने सेवायतों की बिना अनुमति और जानकारी के मंदिर परिसर में नमाज अदा की। साथियों से फोटो खिंचवाकर इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। इनके इस कृत्य से हिंदू समाज में रोष है। सेवायतों ने कानूनी कार्रवाई की मांग की है। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर के अनुसार सेवायतों की तहरीर के आधार पर फैसल खान और मोहम्मद चांद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
चौपाइयां सुनाईं, कहा-ब्रज की मिट्टी में प्रेम
दिल्ली निवासी फैसल खान और मोहम्मद चांद, आलोक व नीलेश के साथ नंदभवन में नंदबाबा और भगवान श्रीकृष्ण के पूरे परिवार के दर्शन किए थे। फैसल खान ने बताया था कि वे सभी ब्रज 84 कोस की यात्रा के लिए साइकिल से निकले हैं। इस दौरान फैसल ने वहां मौजूद लोगों को रामचरित मानस की चौपाइयां भी सुनाईं। उन्होंने कहा कि धर्म ही प्रेम है। ब्रज की मिट्टी में प्रेम महसूस किया है। दिवाली पर श्रीराम के नाम के चिराग जलेंगे।
सेवायत कृष्ण मुरारी उर्फ कान्हा गोस्वामी ने दल को प्रसाद भी भेंट किया था। वायरल फोटो के बारे में पूछे जाने पर कृष्ण मुरारी उर्फ कान्हा गोस्वामी ने कहा कि फैसल खान को हिंदू धार्मिक ग्रंथों का काफी ज्ञान है। लेकिन नंदबाबा मंदिर परिसर में फैसल और चांद ने नमाज अदा की है, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
फैसल ने फेसबुक पर डाला था फोटो
मंदिर में जुहर की नमाज पढ़ने की फोटो फैसल ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया था। इसके बाद यह वायरल हुआ। तहरीर देने वाले सेवायतों ने कहा कि उनका विरोध मंदिर में आने से नहीं बल्कि गुपचुप नमाज पढ़ने और इसकी फोटो वायरल करने से है। क्योंकि इसके लिए न तो उन्होंने अनुमति ली और न ही इसकी अनुमति उन्हें दी गई थी। साभार-अमर उजाला
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