पहली-दूसरी कक्षा की 33 फीसदी पढ़ाई मम्मी ने करवाई, सरकारी स्कूलों में अध्ययन का रुझान बढ़ा

लॉकडाउन के दौरान पहली और दूसरी कक्षा के 33 फीसदी विद्यार्थियों को उनकी मम्मी ने पढ़ाई करवाई है जबकि नौंवी से 12वीं के 15 फीसदी छात्रों को ही मम्मी से पढ़ाई में मदद मिल पाई है। ग्रामीण इलाकों के 70 फीसदी छात्रों की पढ़ाई में गांव वालों ने आगे बढ़कर मदद की है। यह खुलासा एनुअल स्टेट्स ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट- 2020 (असर) ने अपनी 15वीं रिपोर्ट में किया है।

रिपोर्ट मार्च से सितंबर तक फोन पर ऑनलाइन सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई है। इसमें 5 से 16 आयु वर्ग के 59,251 छात्र, 52,227 घर और 8,963 सरकारी प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक व प्रधानाचार्य भी शामिल थे। सर्वेक्षण में छह माह से स्कूल बंद होने के दौरान पढ़ाई, पाठ्य सामग्री व गतिविधियों की व्यवस्थाओं व पहुंच की जांच की गई।

सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का रुझान बढ़ा
कोविड-19 के चलते निजी के बजाय सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का रुझान बढ़ा है। सरकारी स्कूलों में लड़कों के नामांकन का आंकड़ा 62 फीसदी से बढ़कर 66.4 फीसदी तक पहुंच गया है। जबकि लड़कियों का नामांकन भी 70 फीसदी से बढ़कर 73 फीसदी तक पहुंच गया है। दरअसल ये छात्र निजी से सरकारी स्कूलों में शिफ्ट हुए हैं।

60 फीसदी परिवार के पास एक स्मार्टफोन
60 फीसदी परिवारों के पास कम से कम एक स्मार्टफोन है। दो साल में 36.5 फीसदी से यह आंकड़ा 61.8 फीसदी तक पहुंच गया है। हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश व त्रिपुरा में स्मार्टफोन खरीदने वालों में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। लॉकडाउन में पढ़ाई और सीखने के लिए एक-दूसरे का सहयोग भी बढ़ा है। करीब तीन चौथाई बच्चों की पढ़ाई में उन अभिभावकों ने मदद की, जोकि खुद प्राइमरी तक शिक्षा हासिल किए हैं। बड़े भाई-बहनों ने भी पढ़ाने में मदद की। जबकि 54.8 फीसदी बच्चों के माता-पिता ने पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की है।

यूपी के 21 फीसदी छात्रों को ऑनलाइन पाठ्यसामग्री मिलीं
यूपी के महज 21 फीसदी छात्रों को ही ऑनलाइन पाठ्यसामग्री मिली है। राजस्थान में 21.5 फीसदी तो बिहार में यह आंकड़ा सात फीसदी है। पढ़ाई में व्हाट्सऐप सबसे लोकप्रिय माध्यम रहा। करीब 87.2 फीसदी सरकारी और 67.3 फीसदी निजी स्कूलों के छात्रों ने व्हाट्सएप से पढ़ाई की। निजी स्कूलों के 28.7 फीसदी छात्रों ने वीडियो या फिर पहले से रिकार्ड लेक्चर से पढ़ाई की। जबकि सरकारी स्कूल में यह आंकड़ा 18.3 फीसदी रहा। सरकारी स्कूलों के 31 फीसदी छात्र स्कूल जाकर शिक्षकों से मदद ली। सरकारी स्कूलों के 31.8 फीसदी छात्रों की शिक्षकों ने घर जाकर पढ़ाई में मदद की।

जबकि निजी स्कूलों में यह आंकड़ा महज 11.5 फीसदी था। वहीं, 70 .2 फीसदी छात्र विभिन्न माध्यमों से पढ़ाई करते रहे। सरकारी स्कूलों के59 फीसदी और निजी के 60 फीसदी ने किताबों, 34.1 फीसदी सरकारी तो 38 फीसदी निजी स्कूलों के छात्रों ने वर्कशीट से पढ़ाई की। वहीं, 20.2 फीसदी सरकारी तो 18.4 निजी स्कूलों के छात्रों ने टीवी और दो फीसदी ने रेडियो से पढ़ाई की।साभार- अमर उजाला

आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं।शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।

हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Exit mobile version