सरकारी टीचर ने यूट्यूब पर वीडियो देख खाली वक्त में खेती शुरू की, हर महीने तीन लाख कमाई

दिल्ली की रहने वाली सुप्रिया दलाल सरकारी स्कूल में टीचर हैं। खाली समय में वह खेती करती हैं। डेढ़ साल पहले उन्होंने ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती शुरू की है। आज वो 5 एकड़ जमीन पर 17 तरह की सब्जियां उगा रही हैं। 300 से ज्यादा उनके कस्टमर्स हैं। हर महीने 3 लाख रुपए की आमदनी भी हो रही है।

सुप्रिया कहती हैं- मैंने कभी फार्मिंग के बारे में नहीं सोचा था। यह मेरे लाइफ में अचानक से ही आई और अब मेरी लाइफस्टाइल में शामिल हो गई। 2016 में दिल्ली सरकार ने स्कूली शिक्षकों के लिए एक नई व्यवस्था शुरू की। इसके तहत ऐसे लोग जो प्रोफेशनल ग्रोथ चाहते हैं और इनोवेटिव सोच रखते हैं, उनके लिए अलग से एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया। किस्मत से मेरा भी उसमें सेलेक्शन हो गया।

सुप्रिया बताती हैं कि इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के बाद फिक्स्ड टाइमिंग की बाध्यता खत्म हो गई। हमें सहूलियत के हिसाब से ऑनलाइन लेक्चर लेने और वर्कशॉप करने की छूट मिल गई। इस प्रोजेक्ट में हम लोग अक्सर कई रिलेवेंट टॉपिक पर वर्कशॉप और लर्निंग प्रोग्राम कराते रहते हैं।

सुप्रिया बताती हैं कि मुझे ऑर्गेनिक फार्मिंग पर कुछ सेशन अटेंड करने को मिला। इससे काफी कुछ सीखने को मिला। उस समय मुझे पता चला कि हम जो बाहर से सब्जियां और खाने की चीजें खरीद रहे हैं, उसमें कितना केमिकल है। अपने परिवार को, अपने बच्चे को जो खाना हम खिला रहे हैं, वो उनके हेल्थ के लिए कितना खतरनाक है।

उन्होंने कहा, “मैंने मन ही मन सोच लिया कि कम से कम जरूरत की चीजें तो खुद उगाई ही जा सकती हैं। क्यों न इसके लिए कोशिश की जाए। मैंने कुछ लोगों से बात की, मैं चाह रही थी कि कम्युनिटी फार्मिंग की जाए, लेकिन मेरे साथ आने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। फार्मिंग का कोई एक्सपीरियंस तो नहीं था मुझे, लेकिन गार्डेनिंग का शौक था। मैंने कुछ रिसर्च की, कुछ लोगों से बात भी की। सबसे ज्यादा यूट्यूब से हेल्प ली। जो लोग ऑर्गेनिक खेती करते हैं, उनके वीडियोज देखे।”

“दिल्ली से थोड़ी दूरी पर कराला में हमारी थोड़ी जमीन थी। वहां अप्रैल 2019 में एक एकड़ जमीन से ऑर्गेनिक फार्मिंग की शुरुआत की। सबसे पहले मैंने सब्जियां लगाई। पहले ही साल अच्छा रेस्पॉन्स रहा। इसके बाद मैंने खेती का दायरा बढ़ा दिया। अभी पांच एकड़ जमीन पर खेती कर रही हूं। 17 तरह की सब्जियां उगा रही हूं। अब मैंने मल्टीलेयर फार्मिंग की भी शुरुआत की है। 10 लोग मेरी टीम में काम करते हैं।”

वो कहती हैं- मेरे लिए काम आसान नहीं था। घर के लोगों ने भी विरोध किया। उनका कहना था कि देश में बहुत से लोग ऑर्गेनिक खेती करते हैं, हमें खुद उगाने की क्या जरूरत है। हम खरीद भी तो सकते हैं, लेकिन मैंने मन बना लिया था कि खुद से ही करनी है। जब काम करने लगी तो पति ने भी इसमें मेरी मदद की। वो आज भी भरपूर सहयोग करते हैं, मैं बाहर रहती हूं तो वो घर पर बच्चों की देखरेख करते हैं।

सुप्रिया बताती हैं कि मार्केटिंग के लिए मुझे ज्यादा दिक्कत नहीं उठानी पड़ी। मेरा फ्रेंड सर्कल बड़ा था। कई लोगों से पहले से ही जान-पहचान थी। उन्हें अपने काम के बारे में और प्रोडक्ट के बारे में जानकारी दी। मेरी सारी सब्जियां हाथों हाथ बिक जाती हैं। मंडी या मार्केट में ले जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती। अभी हमने फार्म टू होम नाम से एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया है। 300 से ज्यादा लोग इससे जुड़े हैं। जिसकी जो जरूरत होती है, वह ग्रुप में शेयर कर देता है। हम उसके घर सामान भिजवा देते हैं। अभी 100 के करीब हमारे रेगुलर कस्टमर हैं।

वो कहती हैं कि हम सिर्फ सब्जियां ही नहीं, बल्कि हर वो चीज सप्लाई करते हैं, जो किसी के किचन की जरूरत होती है। जो चीज मैं अपने खेत में उगाती हूं, उसके साथ ही बाकी चीजें में दूसरे किसानों के यहां से लाती हूं और अपने ग्राहकों तक पहुंचाती हूं।

सुप्रिया बताती हैं कि आगे मैं एग्रो टूरिज्म को लेकर काम करने वाली हूं ताकि लोगों को दिल्ली जैसे शहर में भी प्योर ऑर्गेनिक और हेल्दी फूड खाने को मिले। साथ ही बड़े लेवल पर ट्रेनिंग सेंटर भी खोलना चाहती हूं ताकि जो लोग इस क्षेत्र में आना चाहते हैं, उन्हें इसके बारे में जानकारी मिल सके। वो कहती हैं कि कोरोना के चलते मुझे यह फायदा हुआ कि मैं ज्यादा समय फार्मिंग को देने लगी।साभार दैनिक भास्कर

हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Exit mobile version