- बातचीत के दौरान सहमति की गुंजाइश खोजें, बातों में ह्यूमर शामिल करें ताकि मूड हल्का हो
- दूसरे की गलतियों और कमियों को निकालने के बजाए खुद की गलतियों और कमियों को स्वीकार करें
कोरोना की वजह से पिछले 10 महीनों से दुनिया थम सी गई है। ज्यादातर समय लोग घर में ही रहने को मजबूर हैं। ऐसे में लोगों में मानसिक तनाव और एंग्जाइटी भी बढ़ा है। रिश्तों में तल्खी भी आई है। घरेलू हिंसा को लेकर आई हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पति-पत्नी के बीच झगड़े पहले से ज्यादा बढ़ गए हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इसकी बड़ी वजह यह है कि हम दूसरे को सुनना नहीं चाहते।
अमेरिकी फैमिली काउंसलर रॉबिंसन ब्राउन कहते हैं कि किसी की बात को नहीं सुनने का मतलब होता है कि हम दूसरे की भावनाएं, सोच और असहमति को नजरअंदाज कर रहे हैं। किसी भी रिश्ते के लिए यह आदत जहर जैसी है। समय रहते यदि हम इसे कंट्रोल नहीं करेंगे तो हमारे रिश्ते हमेशा के लिए बिगड़ सकते हैं। किसी को सुनना सिर्फ रिश्ते के लिए ही नहीं, बल्कि सीखने, समझने और अच्छा महसूस करने के लिए भी बेहद जरूरी है।
अच्छा लिसनर बनने के लिए 3 जरूरी बातें-
अमेरिका के टरलेटन स्टेट युनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर क्रिस्टोफर गियरहट बता रहे हैं कि हमें अपने पार्टनर के सामने अच्छा लिसनर बनने के लिए किन 3 बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- जब आप अपने पार्टनर से बात कर रहे हों तो उन्हें बिना इंटरफेयर किए बोलने का पूरा मौका दें। अपने जजमेंट या फैसले को एक तरफ रखें और सबकुछ भूलकर बस उसे सुनें। इससे आपको यह जानने का मौका मिलेगा कि पार्टनर आपके बारे में क्या सोचता है। जिस मुद्दे पर आप बात कर रहे हैं, उसपर उसकी राय आपसे कितनी अलग है।
- जब आपका पार्टनर आपसे बात कर रहा हो तो उसकी बातों का खंडन करने की कोशिश बिल्कुल न करें। ज्यादा खंडन या असहमति जाहिर करने से तनाव और बढ़ जाता है। एक छोटी सी बात बड़े ड्रामे में बदल सकती है।
- पार्टनर से बात करते वक्त आपका हाव-भाव ऐसा होना चाहिए, ताकि उसे लगे कि आप उसे सुन रहे हैं। इसलिए चुप रहने के बजाए उसकी बातों को सुनकर Yes, Okay जैसे इंडिकेशन देते रहें। इससे पार्टनर को यह लगेगा कि आप उसकी बातों को गंभीरता से सुन रहे हैं। ऐसा करने से आपके बीच तनाव कम हो सकता है।
पार्टनर से बातचीत के दौरान 4 बातों का ध्यान रखें
- जब आपका पार्टनर अपनी बात पूरी कर ले तो आप बोलें। अपनी बातचीत में भावनाओं को ज्यादा जगह दें। यदि आप ऐसा करेंगे तो पार्टनर को खुद को समझने का मौका देंगे। इसे इमोशनल थेरेपी भी कहते हैं। ये रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए बहुत जरूरी है।
- यदि बातचीत के दौरान किसी तरह का गैप या ठहराव आ जाता है तो तुरंत उसे भरने की कोशिश करें। कुछ ऐसा बोलें या करें ताकि बात आगे बढ़ सके। आप नए टॉपिक पर भी बातचीत कर सकते हैं।
- बातचीत के दौरान सहमति की गुंजाइश खोजें। जितना ज्यादा हो सके एक-दूसरे के साथ सहमति जाहिर करें। असहमति जताएं तो भी ऐसा न लगे कि आप असहमत हैं, बल्कि यह फील हो कि आपकी राय अलग है।
- पार्टनर के साथ बातचीत के दौरान कुछ ऐसे एलिमेंट भी जरूर लाएं, ताकि मूड हल्का हो। बातों में थोड़ा ह्यूमर भी होना चाहिए, जिससे आप दोनों को हंसने की वजह मिल सके।
बातचीत में “I” की जगह “You” का इस्तेमाल करें
- साइकैट्रिस्ट नोजनर कहते हैं कि पार्टनर के लिए आपको सुनना तब बहुत आसान होगा, जब आप बातचीत में “I” की जगह “You” का इस्तेमाल करेंगे। पार्टनर की गलतियों और कमियों को बताने के बजाए आपको खुद की गलतियों और कमियों को स्वीकार करना चाहिए।
- यदि आपको पार्टनर की कोई बात समझ नहीं आ रही है तो उसे एक्सप्लेन करने को कहें। पार्टनर के लिए जो अच्छी फीलिंग हैं, उसे बार-बार याद करें। इससे आपकी निगेटिव भावनाएं बातचीत में हावी नहीं हो पाएंगी।
हाव-भाव, भाषा और टोन नॉर्मल हो
पार्टनर के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि आपका हाव-भाव, भाषा और टोन नॉर्मल हो। एक अच्छा लिसनर बनकर हम बिगड़े हुए रिश्ते को भी संभाल सकते हैं।साभार दैनिक भास्कर
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