गाजियाबाद पुलिस की चूक या फिर किसी बड़ी साजिश के तहत युवती को फंसाया गया। यहां चेक बाउंस का एक मामले में शिकायतकर्ता ही गुनहगार बन गयी। पुलिस ने उस युवती को क्यों गिरफ्तार किया? सबसे बड़ा सवाल ये उठ खड़ा हुआ है।
गाजियाबाद। एक युवती ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। इस युवती का कहना है कि उसे फर्जी मुकदमे में फंसाया गया है।आपको बता दें कि यह युवती कोई अबला नहीं बल्कि कंपनी सेक्रेटरी है और अपनी फर्म चलाती है। ये युवती दो साल तक सीसीटीवी और सरकारी दस्तावेज लेकर पुलिस के हर छोटे बड़े अधिकारी के दर पर जाती रही लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। अब अदालत ने इसका मुकदमा लिखने का आदेश तो कर दिया है, लेकिन देखना होगा कि क्या गाजियाबाद पुलिस उस मुकदमे में कोई कार्रवाई करती है या नहीं।
ये था पूरा घटनाक्रम
सीसीटीवी 8 दिसंबर, 2018 की फुटेज है। इस सीसीटीवी फुटेज में लाल कपड़ों में जो युवती दिख रही है वह कंपनी सेक्रेटरी है और अपनी लीगल फर्म चलाती है। युवती गाजियाबाद के थाना विजय नगर के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में एक सोसाइटी में रहती है। सीसीटीवी को देखने से आपको पता चलेगा एक फॉर्च्यूनर कार में इसको ले जाया जा रहा है। एक दूसरी कार में पुलिस के दरोगा भी दिखते हैं। लेकिन वह इसके साथ नहीं जाते हैं। अब इस केस डायरी को देखिए. यह केस डायरी इस युवती के खिलाफ हुए मुकदमे के सिलसिले में है, जो थाना सिहानी गेट में हुआ था। इसमें इस युवती की गिरफ्तारी 5:45 पर 8 दिसंबर 2018 को दिखाई गई है। यानी कि इस बात से यह तसदीक होती है कि जिस सीसीटीवी में इस युवती को गिरफ्तार करके ले जाया जा रहा है। लेकिन सीसीटीवी में कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं है। सर्वविदित है कि महिला की गिरफ्तारी के लिए महिला पुलिसकर्मी का होना जरूरी है। जहां से युवती को कार में बिठाया गया, वहां से थाना सिहानी गेट की दूरी तकरीबन आधा घंटे की है। यानी इस बात को मानने में कोई गुरेज नहीं है कि इसको यहां से गिरफ्तार करके ले जाया गया। युवती का आरोप है कि उसने कुछ लोगों के लिए काम किया था और उसके बदले उसे चेक मिले थे, वह चेक बाउंस होने के बाद उसने मुकदमा दर्ज करवाया तो उसे फर्जी तरीके से फंसा दिया गया।
शिकायत पर युवती को ही फंसा दिया
पीड़ित युवती का आरोप है कि जिस फर्म के लिए उसने काम किया, उसने जो चेक उसको दिए वह बाउंस हो गए। इसके बाद जब उसने चेक बाउंस का मुकदमा करवाया तो लड़की का आरोप है कि उसके खिलाफ ही आरोपियों ने साठगांठ करके चेक चोरी और धोखाधड़ी का मुकदमा करवा दिया। यह मुकदमा वर्ष 2018 में 23 सितंबर को दर्ज हुआ। उसके बाद 8 दिसंबर 2018 को उसकी गिरफ्तारी हुई और 21 दिसंबर 2018 को उसे बेल मिल गई। 25 दिसंबर 2018 को यह युवती जेल से बाहर आ गई, उसके बाद से ही युवती प्रयास कर रही थी कि उसे न्याय मिले।
अदालत ने दर्ज किया मुकदमा
सीसीटीवी और सरकारी कागज को लेकर ये दो सालों से दर-दर की ठोकरें खा रही थी। लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उसकी एक न सुनी। जब यही कागजात उसने अदालत में पेश किए अदालत ने तुरंत उसका मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। जितने लोग उसको गाड़ी में बिठा कर ले गए थे उन सब के खिलाफ अपहरण का मुकदमा कायम हो गया है। पुलिस के अधिकारी भी मानते हैं कि कहीं ना कहीं कोई चूक हुई है।
अब इंसाफ और न्याय के लिए इसने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। आज के दिन ही प्रदेश में नारी शक्ति अभियान शुरू हुआ है ऐसे में देखना होगा कि क्या गाजियाबाद पुलिस इस युवती को न्याय दिला पाती है। साभार-एबीपी न्यूज़
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