हाथरस केस में सिर्फ एसपी के निलंबन पर आईपीएस और IAS लॉबी में झगड़ा, यूपी के IPS अधिकारी नाराज़

यूपी के आईपीएस अधिकारी नाराज हैं। ख़ास तौर से नये अफ़सर। उन्हें लगता है कि आईपीएस अधिकारियों को बलि का बनाया जाता है। एक ज़िले के एसपी ने कहा, जब गलती एक तरह की तो फिर सजा सिर्फ हाथरस के एसपी के ही क्यों ?

हाथरस केस को लेकर यूपी के आईएएस और आईपीएस अफसरों में ठन गई है. योगी सरकार ने हाथरस के एसपी विक्रांत वीर को सस्पेंड कर दिया। लेकिन वहां के डीएम प्रवीण कुमार पर कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि लड़की के घरवालों ने डीएम पर कई संगीन आरोप लगाए हैं। यही नहीं एसआईटी की प्रारंभिक रिपोर्ट में भी उनके खिलाफ बातें कही गई हैं।

यूपी के आईपीएस अधिकारी नाराज हैं। ख़ास तौर से नये अफ़सर. उन्हें लगता है कि आईपीएस अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया जाता है। एक ज़िले के एसपी ने कहा, जब गलती एक तरह की तो फिर सजा सिर्फ हाथरस के एसपी के ही क्यों ? यूपी में आईपीएस अफसरों का एक व्हाट्सएप ग्रुप है। जिसमें राज्य के डीजीपी से लेकर एसपी रैंक के अफसर तक जुड़े हैं। जैसे ही सरकार ने हाथरस के एसपी विक्रांत वीर को निलंबित करने का फैसला सुनाया. इस व्हाट्सएप ग्रुप में हलचल बढ़ गई। राजस्थान के रहने वाले एक आईपीएस ने इस मुद्दे पर एसोसिएशन की बैठक बुलाए जाने की मांग की।

एक जिले के एसपी ने लिखा, सबसे आसान फार्मूला है एसपी को सस्पेंड कर देना। जब भी हल्ला होता है हमें सस्पेंड कर दिया जाता है। एक दूसरे अफसर ने लिखा कि विक्रांत वीर के मिला कर हमारे 8 साथी निलंबित हो चुके हैं। आपको बता दें कि यूपी में दें डीआईजी रैंक के पुलिस अफसर भी निलंबित चल रहे हैं।

नौजवान आईपीएस अफसरों ने सालों बाद इस तरह खुल कर ग्रूप में अपने मन की बात लिखी है। हाथरस के साथ साथ बांदा की घटना का भी ज़िक्र किया गया है। उस मामले में भी सिर्फ एसपी को निलंबित किया गया। डीएम पर तो कोई कार्रवाई तक नहीं हुई। विक्रांत वीर के बैचमेट और एक जिले के एसपी ने लिखा कि सीनियर ने तो हमें अनाथ कर दिया। हमारी बात कहने और ऊपर तक पहुंचाना वाला कोई नहीं बचा है। साथी के निलंबन से नाराज अधिकारियों की शिकायत है कि आईएएस लॉबी अपने लोगों को बचा लेती है। बलि का बकरा पुलिसवाले बनते हैं।

2012 बैच के एक अफसर ने कहा कि जब ऊपर से आदेश लिखित में होगा तभी कोई काम करेंगे। वैसे एक अफसर ने ग्रुप में पोस्ट करने के बाद अपना मैसेज डिलीट कर लिया। योगी सरकार पिछले तीन सालों में 14 आईपीएस अधिकारियों को सस्पेंड कर चुकी है। वैसे इसी सरकार में नोएडा और लखनऊ में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हुआ। जबकि यूपी की ताकतवर आईएएस लॉबी इसके सख्त खिलाफ थी। जब तक हाथरस के डीएम प्रवीण पर कार्रवाई नहीं होती, आईपीएस अफसरों की नाराजगी खत्म नहीं होने वाली। एक ही गलती के लिए एक के सजा और दूसरे को मजा.. ये नहीं चलेगा. ऐसा लिख कर एक आईपीएस ने सनसनी फैला दी है।

यूपी में कुछ आईपीएस अधिकारी ऐसे भी हैं जिनके पति या फिर पत्नी आईएएस हैं. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी एक अधिकारी की हाथरस के डीएम प्रवीण पर मेहरबानी रही है।

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