हाथरस मामले में पीड़िता के परिवार ने डीएम प्रवीण कुमार पर धमकाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनसे कहा गया कि अगर आपकी बेटी की मौत कोरोना से होती तो मुआवजा नहीं मिलता।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की के कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार और मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। इस मामले में एसआईटी के गठन के बाद जिले के SP समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है। वहीं अब इस मामले में पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर उन्हें धमकाने का आरोप लगाया है।
हाथरस मामले में डीएम प्रवीण कुमार पर आरोप लगाते हुए पीड़ित परिवार ने कहा है कि डीएम ने उनसे कहा अगर बेटी कोरोना से मर जाती तो क्या करते। इसके साथ ही परिवार का कहना है कि डीएम ने उनसे कहा कि अगर आपकी बेटी की मौत कोरोना से होती तो मुआवजा भी नहीं मिलता।
इसके साथ ही पीड़िता के परिवार ने कहा कि पुलिस को ये बताना चाहिए कि उन्होंने किसको जलाया है। परिवार ने डीएम प्रवीण कुमार पर धमकाने का आरोप लगाया है। परिवार ने यूपी पुलिस पर मारपीट का भी आरोप लगाया है। उन्होंने ये भी कहा कि किसी से बात नहीं करने दी. बाहर नहीं निकलने दिया।
वहीं परिवार ने खुलासा करते हुए बताया कि कल घर में कोई SIT की टीम नहीं आई। सिर्फ पुलिस घर पर आई थी। हमें किसी ने घर से बाहर नहीं निकलने दिया। प्रशासन ने एसआईटी के नाम पर एबीपी न्यूज को परिवार से मिलने से रोका था।
बता दें कि मामले में अभीतक कुल चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं यूपी सरकार ने सख्ती दिखाते हुए जिले के एसपी सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। एसपी विक्रांत वीर सिंह, क्षेत्राधिकारी (सीओ) राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, सब इंस्पेक्टर जगवीर सिंह और हेड मोहर्रिर महेश पाल को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही शामली के एसपी विनीत जायसवाल को हाथरस का एसपी बनाया गया है।
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