मथुरा की अदालत अगर इस याचिका को स्वीकार कर लेती है तो संबंधित प्रतिवादियों को जारी हो सकता है समन
उत्तर प्रदेश / मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले को लेकर मथुरा की अदालत में दाखिल की गई याचिका पर आज सुनवाई होगी। अदालत इस याचिका को लेकर निर्णय कर सकता है, जिस पर सभी की निगाहें हैं। उधर, याचिका पर सुनवाई को देखते हुए मथुरा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरीशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने मथुरा की सीनियर सिविल जज छाया शर्मा की अदालत में याचिका दाखिल की है। भगवान श्रीकृष्ण विराजमान नाम से दाखिल की गई इस याचिका में न्यायालय से 13.37 एकड़ की जन्मभूमि का मालिकाना हक मांगा गया है।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर अपने मालिकाना हक का दावा करते हुए ‘भगवान श्रीकृष्ण विराजमान’ की ओर से एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री, प्रवेश कुमार, राजेशमणि त्रिपाठी, करुणेश कुमार शुक्ला, शिवाजी सिंह और त्रिपुरारी तिवारी के माध्यम से यह याचिका दाखिल कराई गई है।
अधिवक्ता हरी शंकर जैन ने बताया कि जमीन पर मालिकाना हक भगवान श्रीकृष्ण विराजमान का है, जबकि 12 अक्तूबर 1968 को कटरा केशव देव की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसाइटी द्वारा किया गया। जिसके तहत 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई।
‘जमीन की डिक्री खत्म की जाए’
याचिका में मांग की गई है कि भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की जमीन की डिक्री करने का अधिकार सोसाइटी को नहीं हो सकता है। लिहाजा सोसाइटी की जमीन की डिक्री खत्म कर भगवान श्रीकृष्ण विराजमान को 13.37 जमीन का मालिकाना हक दिया जाए।
अधिवक्ता ने बताया कि याचिका में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, श्री जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया गया है।
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