उत्तर प्रदेश सरकार की ई0 स्टाम्पिंग नीति से न सिर्फ स्टाम्पों की छपाई, ढुलाई आदि खर्चो को कम किया गया बल्कि इस नीति से राजस्व में भी वृद्धि हो रही है। इस क्रम में प्रदेश मे कार्यरत समस्त स्टाम्प विक्रताओं में से इच्छुक स्टाम्प विक्रेताओं को ए0सी0सी0 (प्राधिकृत संग्रह केन्द्र) बनाया जा रहा है। अब तक 830 से अधिक स्टाम्प विक्रेताओं को ए0सी0सी बनाया जा चुका है। प्रदेश में स्टेट बैंक आफ इंडिया व अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाओं द्वारा ई- स्टाम्प जारी किया जा रहा है। सरकार ने निबन्धन शुल्क को 02 प्रतिशत से घटाकर 01 प्रतिशत कर दिया है। इससे न सिर्फ अल्प एवं मध्यम आय वर्ग के लाखों लोगों को बचत हुई, अपितु राज्य के राजस्व में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
प्रदेश में जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा पंजीकृत लेखपत्रों का एक पेज का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस तरह का प्रमाण पत्र जारी करने वाला उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी राज्य हो गया है। प्रदेश के सभी उपनिबन्धक कार्यालयों में जनता के लिए मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। निबन्धक शुल्क के आनलाइन मूल्यांकन की व्यवस्था होने से बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है। उसी तरह अप्रयुक्त स्टाम्पों की वापसी हेतु आनलाइन व्यवस्था की गई है। देश में इस तरह की व्यवस्था करने वाला उप्र0 दूसरा राज्य बन गया है। सरकार निबन्धन कार्यालयों को आधुनिकीरण करा रही है। जिससे निष्पक्ष, पारदर्शी और जनोपयोगी कार्य हो, किसी प्रकार का गलत कार्य न हो सके। सरकार द्वारा जनहित में कोरोना वायरस के लाॅकडाउन काल में 15 अप्रैल, 2020 से समस्त उपनिबन्धन कार्यालयों को खोलकर अधिकाधिक राजस्व की प्राप्ति की जा रही है।
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