तेल की शुद्धता बनाए रखने के लिए FSSAI ने नया फरमान जारी किया है।
1 अक्टूबर से सरसों तेल में वनस्पति तेलों के मिश्रण को बैन कर दिया है।
सरसों तेल के इस्तेमाल को सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने बड़ा कदम उठाया है। उसने 1 अक्टूबर, 2020 से सरसों तेल के साथ दूसरे वनस्पति तेलों के मिश्रण को बैन कर दिया है।
FSSAI का नया फैसला सरसों तेल की शुद्धता को सुनिश्चित बनाने की कवायद का हिस्सा है। उसने केंद्र सरकार के निर्देश के बाद फैसला लिया है। माना जा रहा है कि इससे खास कर घरेलू इस्तेमाल के सरसों तेल में मिलावट को रोका जा सकेगा।
FSSAI का नया आदेश-
FSSAI के आदेश के मुताबिक, “केंद्र सरकार ने विचार करने के बाद FSSAI को सरसों तेल में मिश्रण रोकने का आदेश दिया है। जिसका मकसद घरेलू इस्तेमाल के लिए शुद्ध सरसों तेल का उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा दिया जा सके। FSSAI ने लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया है। मिश्रित वनस्पति तेल को सरसों तेल के साथ 1 अक्टूबर, 2020 से उत्पादन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
नियम और गाइडलाइन बनाने में समय लगने के चलते FSSAI ने फैसला किया है कि 1 अक्टूबर, 2020 से बिक्री पर नियमन और पाबंदी ड्राफ्ट का संचालन किया जाए। उसकी गाइडलाइन के मुताबिक, घरेलू उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किए जानेवाले सरसों तेल की रचना में तब्दीली होगी।
बताया जाता है कि FSSAI देश भर में मिलावटी सरसों तेल की बिक्री रोकने के लिए सर्विलांस किया था। जांच का मकसद शुद्ध सरसों तेल की बिक्री को पक्का करना था। निगरानी और जांच के अलावा FSSAI ने फूड कमिश्नरों को सलाह दी है कि सरसों तेल में ओरिजानोल तत्व की मौजूदगी को जांचा जाए।
ओरिजानोल को अन्य खानेवाले तेल के उत्पादन यूनिट और वनस्पति तेल रिफाइनरी में आम तौर से मिलाया जाता है। FSSAI की नई कवायद से सरसों तेल पैक में राइस ब्रान ऑयल के इस्तेमाल को रोका जा सकेगा। जिसमें ओरिजानोल की बहुत मात्रा होती है और इसका इस्तेमाल मिश्रित सरसों तेल में मिलावट के तौर पर किया जाता है।
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