मां रीना त्यागी ने बताया कि कुमुदिनी को बचपन से ही पढ़ाई की बहुत लगन थी। वह इतना पढ़ती थी कि उससे आराम करने के लिए कहना पढ़ता था। अब भी जब वह घर आती है तो पढ़ाई में लगी रहती है। दादा को याद कर कुमुदिनी भावुक हो जाती है।
गाजियाबाद। डिफेंस सर्विस में जाना और देश की सेवा करना मेरा सपना था। सपने को पूरा करने के लिए मैंने पूरी लगन से पढ़ाई की। मुझे जो जिम्मेदारी मिली है उसे निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं। यह कहना है इतिहास में नाम दर्ज कराने वाली गाजियाबाद निवासी 23 वर्षीय कुमुदिनी त्यागी का। भारतीय नौ सेना में युद्धपोत पर पहली बार दो महिला अधिकारियों की तैनाती हुई है। इनमें एक कुमुदिनी त्यागी हैं। दैनिक जागरण से फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि युद्धपोत पर तैनाती मिलना वाकई मेरे लिए बहुत बड़ा अवसर है। बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है। कुमुदिनी की पूरी शिक्षा गाजियाबाद में ही हुई है। 10वीं तक की पढ़ाई उन्होंने सेंट पॉल स्कूल, राजनगर से की। 11वीं और 12वीं छबीलदास स्कूल से और फिर एबीईएस कॉलेज से कंप्यूटर साइंस स्ट्रीम में बीटेक की। बीटेक में उन्होंने कॉलेज टॉप किया था। दिसंबर 2018 में उनका भारतीय नौ सेना में चयन हुआ।
दादा यूपी पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थे-
कुमुदिनी त्यागी मूलरूप से मेरठ के खरखौदा गांव की रहने वाली हैं। वर्ष 1983 से उनका परिवार गाजियाबाद में ही रह रहा है। उनके दादा सुरेश चंद त्यागी उत्तर प्रदेश पुलिस ने सब-इंस्पेक्टर थे। पिता प्रवेश कुमार त्यागी सिक्योरिटी एजेंसी चलाते हैं। परिवार में दादी राजेश कुमारी, मां रीना त्यागी और छोटा भाई अपूर्व प्रवेश है।
पिता प्रवेश कुमार त्यागी ने बताया कि बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुमुदिनी का चयन एक नामी कंपनी में हो गया था। उसे लाखों रुपये के पैकेज का ऑफर था लेकिन डिफेंस सर्विस में जाने के जज्बे के चलते कुमुदिनी ने वह ऑफर ठुकरा दिया था। उन्होंने बताया कि उस वक्त परिवार के सभी सदस्यों ने उससे नौकरी ज्वाइन करने की बात कही थी लेकिन कुमुदिनी डिफेंस सर्विस में जाने की जिद में ही अड़ी रहीं। उसके कुछ समय बाद ही उसका चयन भारतीन नौ सेना में हो गया था।
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