इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। कोविड के चलते हाईकोर्ट ने राहत देते हुए अधिवक्ता के माध्यम से स्पष्टीकरण दाखिल करने का आदेश दिया है।
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी राजेन्द्र प्रसाद तिवारी और परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न अवमानना के आरोप में दंडित किया जाये। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 नवंबर तक जवाब भी मांगा है। कोविड के चलते हाईकोर्ट ने राहत देते हुए अधिवक्ता के माध्यम से स्पष्टीकरण दाखिल करने का आदेश दिया है।
यह आदेश जस्टिस एम के गुप्ता की एकल पीठ ने भदोही के अनुदेशक आशुतोष शुक्ल की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि अनुदेशकों को मानदेय के रूप में 8 हजार रूपये दिये जा रहे हैं। जबकि केन्द्र सरकार ने मानदेय बढ़ा कर 17 हजार प्रतिमाह कर दिया है। राज्य सरकार इस आदेश का पालन नहीं कर रही है। जिस पर याचिका दाखिल की गई है।
कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए केन्द्र सरकार के आदेश का पालन कर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका की गई जिस पर कोर्ट ने छह हफ्ते में पालन का निर्देश दिया. फिर भी अवहेलना की गयी तो दोबारा यह याचिका दाखिल की गई है। याचिका पर याची अधिवक्ता दुर्गा तिवारी ने याची और निदेशक का पक्ष रखा। मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर को हाईकोर्ट में होगी।
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