- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की बुधवार को होने वाली बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 फीसद ब्याज दिए जाने के निर्णय की पुष्टि में विलम्ब का मामला उठाया जा सकता है। EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने पांच मार्च की बैठक में EPF पर 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.50 फीसद रखने की सिफारिश की थी जो पहले से 0.15 प्रतिशत कम है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के अध्यक्ष श्रम मंत्री संतोष गंगवार है। EPF की यह प्रस्तावित दर सात साल की न्यूनतम दर होगी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के इस निर्णय को वित्त मंत्रालय की सहमति के लिए भेज दिया गया था, लेकिन वित्त मंत्रालय ने अभी तक इसका अनुमोदन नहीं किया है।
वित्त मंत्रालय की सहमति से ही EPF पर वार्षिक ब्याज दर में संशोधन का फैसला लागू होता है। ट्रस्ट के एक सदस्य ने अपना नाम जाहिए न किए जाने की शर्त पर कहा कि ‘हम ब्याज दर के अनुमोदन में विलम्ब का मुद्दा इस बैठक में उठाएंगे। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी इस बारे में निर्णय मार्च में ही कर चुका है। यह मुद्दा नौ सितंबर की बैठक की कार्यसूची में नहीं है पर हम इसे उठा सकते हैं।’
इससे पहले 2012-13 में EPF खाताधारकों को अपने जमा धन पर 8.50 प्रतिशत की दर से ब्याज मिला था। इसके बाद इस ब्याज दर में इजाफा हुआ था। 2013-14 और 2014-15 में यह ब्जाज दर बढ़ाकर 8.75 प्रतिशत कर दी गई थी। इसके बाद 2015-16 में तो ब्याज दर 8.8 प्रतिशत हो गई थी। 2016-17 में इसे घटाकर 8.65 प्रतिशत कर दिया गया था और 2017-18 में यह और घटकर 8.55 प्रतिशत हो गई थी।
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