यूपी के रायबरेली में एक मीटिंग में सीएमओ को डीएम ने गधा कह दिया। डीएम ने तो यह तक कह दिया कि तुम्हारी खाल खिंचवा लेंगे। चर्चा है कि अभद्र शब्दों के इस्तेमाल पर डीएम और सीएमओ के बीच हल्की-फुल्की झड़प भी हुई। इसके बाद सीएमओ मीटिंग छोड़कर चले गए। डीएम द्वारा कहे गए अपशब्दों से नाराज सीएमओ ने शनिवार को चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक को पत्र भेजा है। पत्र वायरल होने के बाद यह मामला चर्चा में आया। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की आपात बैठक में प्रकरण के पटाक्षेप का दावा किया गया है।
स्वास्थ्य महानिदेशक को लिखी चिट्ठी के मुताबिक सीएमओ का कहना है कि डॉ. मनोज शुक्ला की गैरहाजिरी की सूचना पर डीएम नाराज हो गए और गाली गलौज पर उतर आए। उन्होने ‘गधा’ तक कह दिया। उनका आरोप है कि डीएम यहीं नहीं रुके। उन्होने भरी मीटिंग में खाल तक खिंचवाने धमकी भी दे दी। पत्र में उन्होने लिखा है कि डीएम की इस धमकी से उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह मीटिंग बीच में ही छोड़कर चले आए। उनका यह भी आरोप है कि डीएम आए दिन चिकित्साधिकारियों से अपमान की भाषा बोलते हैं। उनके इस व्यवहार से कोरोना योद्धाओं का काम करना असंभव होता जा रहा है। शनिवार को सीएमओ का यह पत्र वायरल होने के बाद डीएम-सीएमओ के बीच विवाद चर्चा में आ गया। इसके बाद डमेज कंट्रोल शुरू हुआ। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने आपात बैठक कर पूरे प्रकरण की समीक्षा की। संघ ने शाम को जारी अपनी ‘प्रेस विज्ञप्ति’ में लिखा कि डीएम द्वारा कहे गए शब्द गाली की श्रेणी में नहीं आते हैं। संघ ने हस्तक्षेप कर डीएम-सीएमओ के बीच पनपे विवाद का पटाक्षेप कराने की कोशिश की। शाम तक इसके कामयाब होने की भी चर्चा सामने आ गई। इस संदर्भ में डीएम वैभव श्रीवास्तव से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनका सरकारी फोन स्टेनो ने उठाया। कहा गया-अभी साहब को बता देंगे। फिर कोई फोन नहीं आया।
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