मिलिए मामचन्द जी से जिनकी उम्र तो 105 वर्ष है पर ज़ज़्बा किसी नौजवान से कम नहीं।इनका पेशा है कपड़े धोना और प्रेस करना। हमारे दादा जी के समय से ये धोबी का काम कर रहे हैं।मेरे पिताजी इन्हें चाचा कहा करते थे और उसी रिश्ते से हम सब इनको बाबा कहते हैं।
अनिल चौधरी राज नगर।
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