इस रैकिट का गैंग लीटर तुषार पुरोहित है। उसके साथ ही कुशल पारेश और दिलीप सोलंकी को भी पकड़ा गया है। गैंग के लोग लोगों से दस्तावेज तैयार करवाने, इंटरव्यू और परीक्षा में पास करवाने के बहाने हर एक शख्स से 4 से 5 लाख रुपये लेते थे।
पुरोहित परीक्षा का पेपर सेट करता था। अभ्यर्थियों के इंटरव्यू लेता था और यहां तक की उन्हें रेलवे के रबर स्टैंप वाला फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया जाता था। पुलिस ने बताया कि पुरोहित मर्मदा का रहने वाला है। वह रेलवे में अस्थाई नौकरी करता था। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि वह सिर्फ अपने स्तर से यह ठगी का रैकिट चलाता था या उसके साथ रेलवे के कुछ और भी शामिल हैं।
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