टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। भारत में जहां क्रिकेटरों को शीर्ष स्तर तक पहुंचने में जीवन लगा देना होता है, वहीं धोनी की प्रतिभा कुछ अलग ही थी।
जूनियर क्रिकेट से बिहार क्रिकेट टीम, झारखंड क्रिकेट टीम से इंडिया ए टीम तक और वहां से भारतीय टीम तक का धोनी का सफर महज 5-6 साल में पूरा हो गया। धोनी ने 1998 में जूनियर क्रिकेट की शुरुआत की थी और 23 दिसंबर 2004 में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच के जरिए अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज कर दिया, लेकिन धोनी करियर के पहले मैच में पहली ही गेंद पर रन आउट हो गए थे।
इत्तेफाक से धोनी अपने करियर के आखिरी मैच में भी रन आउट हुए थे। 2019 वर्ल्ड कप मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में मार्टिन गप्टिल ने धोनी को रन आउट कर भारत की वर्ल्ड कप जीतने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था।
धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुका है। इसके अलावा भारत 2009 में पहली बार टेस्ट में नंबर एक बना था। दिसंबर 2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास की घोषणा कर दी थी। धोनी ने साल 2017 की शुरुआत में ही वनडे और टी20 कप्तानी को भी उसी अंदाज में अलविदा कहा, जिसके लिए वो जाने जाते हैं।
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