महामारी एक्ट लागू होने का स्वास्थ्य विभाग के ही चिकित्सकों पर कोई असर नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक बिना बताए ड्यूटी से गायब हो रहे हैं। हाल ही में एक ऐसा प्रकरण सुर्खियों में है कि डॉक्टर ने चयन के बाद डयूटी ही ज्वाइन नहीं की है। अब उनके चिकित्सक के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की तैयारी की जा रही है। सीएमओ द्वारा जारी किए गए नोटिस में चेतावनी दी गई है कि डयूटी ज्वाइन न करने पर निलंबन भी संभव है।
आनन-फानन में चिकित्सकों का हुआ चयन
कोविड-19 संक्रमण के इस दौर में पीएमस योजना के तहत पूरे प्रदेश में आनन-फानन चिकित्सकों के चयन किए गए थे। इसी क्रम में नोएडा के रहने वाले हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल पांडेय का मार्च 2020 में गाजियाबाद के लिए चयन किया गया था।
पारिवारिक कारणों के कारण ज्वाइन नहीं की ड्यूटी
सीएमओ ने इनकी प्रथम पोस्टिंग 16 जून, 2020 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डासना में की थी। इन्होंने अब तक ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है। उधर डॉ. अतुल पांडेय का कहना है कि पारिवारिक कारणों के चलते डयूटी ज्वाइन नहीं की हैं। नोटिस का जवाब दिया जाएगा। इससे पहले एक डॉक्टर के ड्यूटी से गायब होने पर सीएमओ ने ट्रांसफर कर दिया था।
एमएएजी से हटाए गए सर्जन
डीएम के मौखिक आदेश पर सीएमओ ने एमएमजी में कार्यरत आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. प्रियदर्शी सागर को मूल जगह पर तैनाती के आदेश जारी कर दिए है। उक्त चिकित्सक को संयुक्त अस्पताल संजयनगर में पोस्ट किया है। ट्रांसफर ऑर्डर में लिखा है कि चिकित्सकों की कमी के चलते एमएमजी से हटाकर संयुक्त अस्पताल भेजा गया है।
साभार : livehindustan
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