कोरोना : गाजियाबाद समेत प्रदेश के अधिक प्रभावित जिलों पर शासन की पैनी नज़र

आगरा और मेरठ में स्थिति काबू में आने के बाद प्रदेश सरकार ने लखनऊ, गाजियाबाद, कानपुर और झांसी जैसे कोरोना से प्रभावित बड़े जिलों में भी सर्विलांस और कांटेक्ट ट्रेसिंग पर जोर दिया है। इसके  अलावा कंटेनमेंट क्षेत्र में सभी लोगों की एंटीजेन टेस्ट करने के भी निर्देश दिए हैं।

आगरा और मेरठ में कंटेनमेंट क्षेत्र में हुई सख्ती 
15 दिन पहले तक आगरा, मेरठ और नोएडा में कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद प्रतिदिन बहुत तेजी से बढ़ रही थी। आगरा में 1566 संक्रमित मरीजों में 97 की मौत हो गई लेकिन अब वहां केवल 194 केस एक्टिव केस रह गए हैं। प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की संख्या भी 10 से 20 के बीच में ही आ रही है। इसी तरह मेरठ में भी बिगड़े हालात तेजी से सुधर रहे हैं।

मेरठ में भी एक समय में 1961  संक्रमित मरीज पाए जा चुके थे और 102 मरीजों की मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन अब बड़ी तादाद में मरीज ठीक होकर घर वापस चले गए और अब केवल 364 मामले सक्रिय बचे हैं। कुछ इसी तरह नोएडा के स्थिति भी अब सुधरने लगी है। वहां 4466 मरीजों में अब केवल 910 मरीज ही भर्ती हैं। बाकी डिस्चार्ज हो चुके हैं।   इसकी प्रमुख वजह यह रही कि  वहां बड़े पैमाने पर सर्विलांस और कांटेक्ट ट्रेसिंग के साथ एंटीजेन टेस्ट भी किए गए। इसके साथ ही कंटेनमेंट क्षेत्र में सख्ती भी बढ़ाई गई।

कंटेनमेंट क्षेत्र में एंटीजेन टेस्ट- डा. रजनीश दुबे 
आगरा में  कोरोना संक्रमण की स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए  नोडल अधिकारी बनाए गए अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे ने बताया कि आगरा में कांटेक्ट टेस्टिंग के सुझाव पर पूरी तरह अमल हुआ। निचले स्तर पर ही सर्विलांस, कंटेनमेंट क्षेत्र में एंटीजेन टेस्ट और वहां क्षेत्र में सख्ती की गई। इससे स्थिति सुधरी और मरीज मेडिकल कालेज तक नहीं आ पाए।  प्राइवेट अस्पतालों में भी टेस्टिंग पर खासा जोर दिया गया। नोएडा में कंटेनमेंट क्षेत्र में करीब 40 हजार लोगों के एंटीजेन टेस्ट किए गए। उसमें तीन फीसदी लोग संक्रमित पाए गए। वहां अभी भी कंटेनमेंट क्षेत्र में एंटीजेन टेस्टिंग हो रही है।

मेरठ में मास्क न पहनने पर चला अभियान: डा.वेदप्रकाश
मेरठ में चिकित्सा विभाग की ओर से नोडल अधिकारी बनाए गए केजीएमयू लखनऊ के डा.वेदप्रकाश  कहते हैं कि छोटे-छोटे उपायों से मेरठ में संक्रमण की रफ्तार रोकी गई। मास्क न पहनने वालों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चला। लोगों को सोशल डिस्टैन्सिंग, सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग करने के लिए जागरूक किया गया। उनका सुझाव है कि मास्क न पहनने पर स्थानीय प्रशासन को जुर्माने की राशि बढ़ाने का अधिकार मिले।

साभार : livehindustan

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