गाजियाबाद : जिले में 45 हजार राशन कार्ड धारक गायब हो गए हैं। पैसा देकर तो दूर निश्शुल्क में मिल रहे राशन को लेने भी ये नहीं आ रहे हैं। अप्रैल से लेकर जुलाई तक इनमें से एक भी राशन कार्ड धारक नहीं पहुंचा है। पहले दो महीने तो आपूर्ति विभाग ने इसलिए नजरअंदाज कर दिया कि कोरोना संक्रमण के डर से राशन लेने नहीं आ रहे होंगे। अनलॉक के बाद भी उक्त कार्ड धारकों का अता-पता नहीं चला। आपूर्ति विभाग ने चार महीने से राशन नहीं लेने पर अब 45 हजार राशन कार्डो को निरस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। पहले चरण में कोटेदार द्वारा इनका सत्यापन किया जाएगा। उसके बाद आपूर्ति निरीक्षक द्वारा एक-एक कार्ड धारक के घर जाकर और घर पर न मिलने पर मोबाइल फोन के जरिये विवरण तैयार किया जाएगा। कार्ड धारक से पूछा जाएगा कि राशन लेने क्यों नहीं आ रहे हैं। सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर कार्ड निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
जिला आपूर्ति अधिकारी अभिनव सिंह ने बताया कि अप्रैल से लेकर बीस जुलाई तक 45 हजार कार्ड धारकों ने राशन नहीं लिया है। उनका कहना है कि ये लोग जिला छोड़कर चले गए हैं या फिर राशन की जरूरत नहीं है। जांच के बाद कार्ड निरस्त किए जाएंगे। जिले में कुल चार लाख बीस हजार राशन कार्ड धारक महिलाएं हैं। दो से पांच साल के बीच बने हैं राशन कार्ड ।
जिले की 573 राशन की दुकानों पर मंगलवार से निश्शुल्क राशन का वितरण किया जाएगा। तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल प्रति यूनिट के हिसाब से दिया जाएगा। सोमवार देर शाम को सभी दुकानों पर करीब 85 सौ मीट्रिक टन खाद्यान्न का उठान करा दिया गया है। मास्क नहीं तो राशन नहीं, पांच सौ का जुर्माना भी लगेगा ।
आपूर्ति विभाग ने इस बार बिना मास्क एवं अंगोछे के राशन लेने आने वाली महिलाओं को राशन नहीं दिए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि बिना मास्क के राशन लेने आने वाली महिलाओं व उनके साथ आने वालों पर पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसका सख्ती से पालन कराने के लिए आपूर्ति निरीक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई है।
साभार : jagran.com
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