पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा नए उपभोक्ता संरक्षण कानून को लेकर अधिसूचना जारी किए जाने के बाद आज से यह पूरे देश में लागू हो गया है। इस नए कानून के लागू होने के बाद अब कंपनियां भ्रामक विज्ञापनों के दम पर ग्राहकों को लुभा नहीं सकेगी वहीं ग्राहकों को उनके साथ हो रही धोखधड़ी के खिलाफ एक्शन लेने के ज्यादा अधिकार मिल जाएंगे। इतना ही नहीं, इस नए कानून के लागू होने के बाद मिलावटखोरों की भी खैर नहीं रहेगी। आईए जानते हैं केंद्र सरकार द्वारा आज से लागू किए गए इस नए उपभोक्ता संरक्षण कानून से आपको क्या फायदे होने वाले हैं और कैसे आप किसी भी तरह की धोखाधड़ी की शिकायत कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने उपभोक्ता अधिकारों को नई ऊंचाई देने वाले उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 के प्रावधान सोमवार यानी 20 जुलाई से लागू कर दिए हैं। इसके बाद यह उपभोक्ता संरक्षण कानून, 1986 का स्थान लेगा। नए कानून के तहत उपभोक्ता देश की किसी भी उपभोक्ता अदालत में मामला दर्ज करा सकेगा। नए कानून में भ्रामक विज्ञापनों पर जुर्माना एवं जेल भेजने तक के प्रावधान किए गए हैं। इतना ही नहीं अब इस कानून से ऑनलाइन कारोबार भी नहीं बचा है और ई-कॉमर्स साइट्स पर बिकने वाले सामन भी इसके दायरे में आ गए हैं।
जनवरी में होना था लागू
केंद्र सरकार असल में इस कानून को पहले जनवरी में लागू करने वाली थी लेकिन इसे बढ़ाकर मार्च कर दिया गया। मार्च में कोरोना के प्रकोप और लॉकडाउन के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था। अब 20 जुलाई से सरकार ने इसे लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई शुरू हो जाएगी। खासकर अब ऑनलाइन कारोबार में उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी भी कंपनियों पर भारी पड़ सकती है।
ग्राहकों को होगा यह फायदा
– नए कानून में भ्रामक विज्ञापनों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। इस कानून के तहत उपभोक्ता विवादों को समय पर, प्रभावी और त्वरित गति से सुलझाया जाएगा।
– नए कानून के तहत उपभोक्ता अदालतों के साथ-साथ एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के गठन का भी प्रावधान है। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना होगा।
– इसके साथ-साथ अनुचित व्यापारिक गतिविधियां, भ्रामक विज्ञापनों और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित मामलों को भी सीसीपीए देखेगा और त्वरित निपटारा करेगा।
– इस प्राधिकरण के पास अधिकार होगा कि वह भ्रामक या झूठे विज्ञापन जैसे – लक्ष्मी धन वर्षा यंत्र बनाने वालों और उनका प्रचार-प्रसार करने वालों पर जुर्माना लगाए। इस प्राधिकरण के पास दो से लेकर पांच साल तक की कैद की सजा सुनाने और 50 लाख रुपये तक जुर्माना वसूलने का अधिकार होगा।
– अधिक मूल्य वसूलने, अनुचित व्यवहार करने, जीवन के लिए खतरनाक और दोषपूर्ण वस्तुएं व सेवाएं बेचने के मामलों में शिकायत की सुनवाई उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (सीडीआरसी) में होगी।
मामला दर्ज कराने में आसानी
उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 Consumer Protection Act 2019 लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता किसी भी उपभोक्ता अदालत में मामला दर्ज करा सकेगा। उपभोक्ता संरक्षण कानून, 1986 में ऐसा प्रावधान नहीं था। उदाहरण के तौर पर, आप बिहार के रहने वाले हैं और मुंबई में सामान खरीदते हैं।
मुंबई के बाद आप गोवा चले जाते हैं और वहां पता चलता है कि सामान में खराबी है तो आप गोवा के ही किसी उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर आप बिहार लौट जाते हैं तो आप नजदीक के किसी भी उपभोक्ता फोरम में उसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पहले की व्यवस्था में जहां से सामान खरीदा है, वहीं जा कर आपको शिकायत दर्ज करानी पड़ती।
अहम प्रावधान
– पीआइएल या जनहित याचिका अब कंज्यूमर फोरम में दायर की जा सकेगी। पहले के कानून में ऐसा नहीं था
– नए कानून में ऑनलाइन और टेलीशॉपिग कंपनियों को भी शामिल किया गया है
– खाने-पीने की चीजों में मिलावट करने वाली कंपनी पर जुर्माने और जेल का प्रावधान
– उपभोक्ता मध्यस्थता सेल का गठन। दोनों पक्ष आपसी सहमति से मध्यस्थता का विकल्प चुन सकेंगे
– Consumer Forum में एक करोड़ रुपए तक के केस और राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में एक करोड़ से 10 करोड़ तक के केस
– राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में 10 करोड़ रुपए से ऊपर के केस की सुनवाई
– सिनेमा हॉल में खाने-पीने की वस्तुओं पर ज्यादा पैसे लेने की शिकायत पर होगी कार्रवाई
– कैरी बैग के पैसे वसूलना कानूनन गलत
साभार : naidunia.com
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